कायाकल्पकेन्द्रम् में मनाया गया 'विश्व प्रवासी #पक्षी दिवस'

in #social2 years ago (edited)

FB_IMG_1665218803733.jpgहरदोई


पक्षियों के मूल निवास स्थान की झीलों व जलाशयों के बर्फ में परिवर्तित होने तथा भोजन की कमी होने पर पक्षी प्रवास के लिए गर्म स्थानों में जाकर अपना बसेरा बनाते हैं। शहीद उद्यान स्थित कायाकल्पकेन्द्रम् में शनिवार को 'विश्व प्रवासी पक्षी दिवस' मनाया गया। अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर अखिलेश वाजपेयी ने कहा कि पक्षी पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी हैं। कहा डॉक्टर मिश्र निरन्तर प्रकृति और पर्यावरण के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं। उनका कार्य प्रशंसनीय है।

नेचरोपैथ डॉ. राजेश मिश्र ने कहा कि 'विश्व प्रवासी पक्षी दिवस' 2022 की थीम 'प्रकाश प्रदूषण' है। कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था विश्व स्तर पर कम से कम दो प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रकाश प्रदूषण प्रवासी पक्षियों के लिए एक बड़ा खतरा है। डॉक्टर मिश्र ने कहा कि पक्षियों में प्रवास करने का तरीका नैसर्गिक होता है। वे भोजन, आश्रय और प्रजनन के लिए प्रवास करते हैं। बताया शहीद उद्यान में भी भाँति-भाँति के पक्षी आते हैं। यहाँ का जुगुनू जैसा प्रकाश उन्हें भाता है। उन्होंने बरगद, नीम आदि के वृक्षों पर पचास पक्षियों के लिए 'पक्षी-बसेरा' बनाया है और दाना-पानी की व्यवस्था की है। कहा पक्षियों को शिकारियों से भी खतरा रहता है। जब किसी पक्षी के शिकार के लिए बन्दूक से गोली चलती है तो नर-मादा क्रौंच पक्षी की कहानी याद आ जाती है। नर क्रौंच के शिकार हो जाने पर मादा क्रौंच भी उसके वियोग में प्राण त्याग देती है, तब काव्य प्रस्फुटित होता है। कहा ऐसे कितने प्रवासी पक्षी होंगे जो जीवनसाथी के साथ आते हैं, उनमें से एक का शिकार हो जाने पर अकेले वापस लौटते हैं। यह अत्यन्त व्यथित करता है। डॉक्टर मिश्र ने कहा कि पक्षियों को दाना, पानी, आश्रय नहीं दे सकते तो कोई बात नहीं, पर उनका शिकार न करें।

डॉ श्रुति दिलीरे, डॉ अभिषेक पाण्डेय, प्रीतेश दीक्षित, श्री ओम पाण्डेय, गोविन्द गुप्त, सोनू गुप्त सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।