सर्पदंश के मामलों का होगा लेखा-जोखा

in #snake4 days ago

मऊ 15 सितम्बर: (डेस्क)बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि के मद्देनजर, स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। अब सर्पदंश के मामलों की पूरी रिपोर्टिंग की जाएगी, जिसमें इलाज से लेकर रेफर होने के बाद के उपचार का संपूर्ण डेटा शामिल होगा। इस प्रक्रिया में सर्पदंश के कारण होने वाली मौतों को भी दर्ज किया जाएगा।

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इस कार्यक्रम के अंतर्गत, जिले से चिकित्सक, फार्मासिस्ट और स्टाफ नर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित टीम अब सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी को प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इसके बाद, यह प्रशिक्षण कार्य सभी ब्लॉकों में आयोजित किया जाएगा।

प्रशिक्षण में सर्पदंश के मामलों का रिकॉर्ड रखने पर जोर दिया जाएगा। इसमें यह जानकारी शामिल होगी कि किस प्रकार के लक्षण सामने आ रहे हैं और एंटी स्नेक वेनम की कितनी वायल दी गई हैं। इसके अलावा, यदि किसी मरीज को रेफर किया जाता है, तो उस केस का पूरा विवरण भी रखा जाएगा।

इस पहल का उद्देश्य सर्पदंश के मामलों की पहचान और उपचार में सुधार करना है, ताकि समय पर और प्रभावी चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके। बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे यह आवश्यक हो जाता है कि स्वास्थ्य सेवाएं अधिक प्रभावी और संगठित हों।

भारत में सर्पदंश से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक है। विश्व
स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल भारत में सर्पदंश के 7.7 से 12.4 लाख मामले सामने आते हैं, जिनमें से लगभग 58,000 मौतें होती हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीवेनम की उपलब्धता और प्रभावी उपचार प्रणाली की आवश्यकता है।

इस नई पहल से उम्मीद है कि सर्पदंश के मामलों में कमी आएगी
और जिन लोगों को सर्पदंश का सामना करना पड़ता है, उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा। यह कदम न केवल सर्पदंश के मामलों की संख्या को नियंत्रित करेगा, बल्कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।