सीतापुर CMO और BSA समेत 21 अफसरों से जवाब तलब- जाने क्यों?

in #sitapur2 years ago

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सीतापुर। डीएम के सख्त आदेश के बावजूद जिले के तमाम अफसर जनता की शिकायतों का निस्तारण करने में गंभीर नहीं हैं। उनकी लापरवाही व उदासीनता के चलते तमाम प्रकरण निर्धारित समय में निस्तारित नहीं हो रहे हैं। एडीएम न्यायिक द्वारा की गई समीक्षा में अफसरों की लापरवाही उजागर हुई। वह डिफॉल्टर श्रेणी में आ गए। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीएमओ व बीएसए समेत 21 अफसरों से जवाब तलब किया है। तीन दिन में जवाब देना है। अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी। आईजीआरएस (जनसुनवाई के लिए प्राप्त संदर्भ) सीएम की सर्वोच्च प्राथमिकता कार्यक्रम में है, जिसके तहत नित्य प्रतिदिन विभिन्न पोर्टलों पर प्राप्त होने वाले संदर्भों के निस्तारण की समीक्षा उच्च स्तर पर नियमित रूप से की जा रही है। डीएम की ओर से बैठक, पत्र, व्हाट्सएप ग्रुप और दूरभाष के माध्यम से समय-समय पर गुणवत्तापरक समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए जाते हैं। बावजूद इसके जिले के कई अफसर इस कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। 19 मई को आईजीआरएस पोर्टल पर डिफॉल्टर होने वाले संदर्भ की समीक्षा करने पर पाया गया कि 21 अफसरों ने समय से समस्या का समाधान नहीं किया है। शिकायतकर्ता का पक्ष भी नहीं सुना है। इससे वह डिफॉल्टर की श्रेणी में हैं। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए एडीएम न्यायिक, प्रभारी अधिकारी आरजीआरएस हरि शंकर लाल शुक्ल ने संबंधित अफसरों से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके मार्फत डिफाल्टर शिकायतों को तत्काल निस्तारण करते हुए तीन दिन में जवाब देने को कहा है। इन अफसरों से किया गया जवाब तलब अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड के अधीन आईजीआरएस के तीन मामले लंबित हैं। एक डिफॉल्टर श्रेणी में है। ऑनलाइन शिकायतों मे एल-1 श्रेणी मे 83 शिकायतें लंबित हैं, जबकि 10 डिफॉल्टर हैं। इस संबंध में जवाब तलब किया गया है। इसी प्रकार विभिन्न श्रेणी मे शिकायतें डिफॉल्टर होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत-2, बेसिक शिक्षा अधिकारी, एसडीएम लहरपुर और महोली, बाल विकास परियोजना अधिकारी सकरन व पिसांवा, अधिशासी अभियंता सिंचाई यांत्रिकी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई और भूगर्भ जल, अधिशासी अभियंता सिंचाई व जल संसाधन, औषधि निरीक्षक, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सीतापुर और बिसवां, बीडीओ महोली, महमूदाबाद, एलिया, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, दिव्यांजन सशक्तीकरण अधिकारी आदि से स्पष्टीकरण मांगा गया है।