जानिए- किन आवेदकों से खाता और आधार संख्या पूछ रहे ठग

in #sitapur2 years ago

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सीतापुर। अगर आपने शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन कर रखा है तो थोड़ा सावधान हो जाएं। आपकी एक गलती महंगी साबित हो सकती है। इस समय कई नंबरों से लोगों के पास कॉल आ रही है। वह आवास मंजूर होने की बात कहकर आपसे आधार नंबर, खाता नंबर सहित तमाम जानकारी ले रहे हैं। इसके जरिए वह आपके खाते में मौजूद बैलेंस को कुछ ही देर में साफ कर देंगे। हालांकि जिले में आवास के नाम पर कॉल तो बहुत लोगों के पास आई हैं, लेकिन उनकी सतर्कता से ठग सफल नहीं हो सके हैं। ऐसे में लोगों को इन नंबरों से बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। इस समय शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है। इस योजना के तहत लाभार्थी को ढाई लाख रुपये आवास बनाने के लिए दिए जा रहे हैं। यह लाभार्थी को तीन किस्तों में मिलता है। आवास मंजूर होने में कम से कम एक साल का समय लग जाता है। लेकिन इस दौरान साइबर ठग आवेदनकर्ताओं को चूना लगाने के भरसक प्रयास कर रहे हैं। यह ठग विभिन्न नंबरों से कॉल करके पहले आवेदनकर्ताओं से नाम पता व स्थान पूछकर उनको संतुष्ट करते हैं। उसके बाद बताते हैं कि आपका आवास मंजूर हो गया है। आपको मकान बनाने की तत्काल शुरुआत कर देनी है। आवास का लाभ आप चेक या खाते के माध्यम से लेंगे इसकी जानकारी देते हैं। उसके बाद जब आवेदनकर्ता संतुष्ट हो जाता है तो उससे आधार नंबर, खाता नंबर, आईएफसी कोड सहित अन्य जानकारी लेने का प्रयास करते हैं। अगर आपने सभी जानकारियां दे दीं तो आपके खाते में मौजूद बैलेंस गायब हो सकता है। इस तरह की तमाम कॉल शहर के लोगों के पास आ चुकी है। हालांकि इन लोगों ने अपनी सतर्कता के जरिए उनको खाता नंबर व आधार नंबर की जानकारी नहीं दी। इससे यह लोग तो ठगी का शिकार होने से बच गए। लेकिन अन्य लोगों को भी इस तरह की काल से सतर्क रहने की सख्त जरूरत है।
केस 1 : खाता नंबर व आधार नंबर से ले रहे जानकारी
रूबी ने शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया है। करीब एक साल बाद शुक्रवार को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर कॉल आई। उधर से फोन करने वाले ने पहले नाम पता व जिला पूछा। उसके बाद कहा क्या आप आवास योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो उन्होंने हां बोला। उसके बाद कॉलर ने कहा आप अपना आधार नंबर, खाता नंबर बता दीजिए। 3.50 लाख रुपये चेक के माध्यम से आपके घर पहुंचा दिए जाएंगे। जब रूबी को कुछ आशंका लगी तो उन्होंने जानकारी देने से इंकार कर दिया।
केस 2 : नहीं दी डिटेल तो काट दी कॉल शीलू ने शहरी पीएम आवास योजना के लिए आवेदन किया है। एक सप्ताह पहले इनके मोबाइल पर कॉल आई। पहले फोन करने वाले ने नाम, पिता गांव सहित तमाम जानकारियां लीं। जब शीलू ने पूछा आप कहां से बोल रहे हैं तो उसने बताया लखनऊ डूडा ऑफिस से कॉल कर रहा हूं। उसके बाद उसने कहा आपका आवास मंजूर हो गया है। आप अपना खाता नंबर, आईएफसीकोड, आधारकार्ड नंबर बता दीजिए। आपके खाते में पैसा पहुंचा दिया जाएगा। इससे शीलू ने कहा पूरी डिटेल फॉर्म के साथ जमा की जा चुकी है। अब फोन पर कोई जानकारी नहीं देंगे। उसके बाद कालर ने फोन काट दिया। यह न करें फोन पर किसी को भी अपने खाते की डिटेल न बताएं। आधार नंबर व पैनकार्ड नंबर की भी जानकारी न दें।
नाम पता बता सकते है, लेकिन असली जानकारी छिपाएं रखें।
फोन के माध्यम से कोई फोटो व किसी प्रपत्र के कागजात भी न दें।
अधिक समस्या होने पर पुलिस को इसकी सूचना तत्काल दें।
साइबर ठगों से रहें सतर्क डूडा की तरफ से आवेदनकर्ताओं को जिओ टैग के लिए फोन करके उनका नाम व पता तो पूछा जाता है। जब आवास बनने लगता है तो निर्माण के बारे में जानकारी ली जाती है। लेकिन खाता नंबर, आधार नंबर व पैनकार्ड संबंधी जानकारी फोन के माध्यम से नहीं ली जाती है। अगर ऐसी कोई कॉल करके जानकारी ले रहा है तो उसे कदापि न दें। अगर अपने कागजात जमा करने हैं तो सीधे डूडा ऑफिस आकर जमा कर सकते हैं। अगर कोई फोन करके पैसा मांगता है तो आवास मंजूर होने की बात कहता है तो उसकी बातों में न आएं। सीधे विकास भवन के डूडा ऑफिस आकर जानकारी हासिल कर ले। इस तरह की कॉल साइबर ठग कर रहे हैं। इनसे बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।