घटी सरयू फिर भी थम नहीं रही कटान

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सरयू और शारदा नदियों का जलस्तर घट रहा है, लेकिन कटान की समस्या जारी है। देवपालपुर में चार मकान लहरों के खतरे में हैं, जिससे स्थानीय लोग चिंतित हैं। रोकथाम के प्रयास प्रभावी नहीं हो रहे हैं। बुधवार को सरयू का जलस्तर 117.50 मीटर था, जो मंगलवार की तुलना में 10 सेमी कम है। बैराजों से 3,66,796 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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लहरपुर तहसील के देवपालपुर में रंजीत, सालिग्राम, रोहित, और रामगोपाल के मकान लहरों के खतरे में हैं, क्योंकि कटान कर रही शारदा नदी अब इनके मकानों से केवल 100 मीटर दूर बह रही है। इससे स्थानीय लोग भयभीत हैं, और खेत भी नदी में समा रहे हैं, जैसे कि कमलेश कुमार और झब्बू के खेत।

ग्रामीणों का कहना है कि कटान रोकने के प्रयास प्रभावी नहीं हो रहे हैं।
सरयू नदी के जलस्तर में पांचवे दिन भी कमी आई है, जिससे बाढ़ पीड़ितों की समस्याएँ कम हो रही हैं। संपर्क मार्गों पर पानी घटने से आवागमन बहाल हो गया है, लेकिन बाढ़ के दौरान तेज बहाव में कट चुके रास्तों पर अब भी समस्याएँ बनी हुई हैं।

हालांकि, क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत नहीं हो पाई है। जलस्तर कम होने पर लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं, लेकिन कई ग्रामीण अभी भी तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। मनिया ने बताया कि बारिश और बाढ़ की संभावना बनी हुई है, इसलिए वे घरों की सफाई नहीं कर रहे हैं।
राजेंद्र ने कहा कि गृहस्थी का सामान लाना और ले जाना बहुत कठिन हो गया है, और वे तब तक घर नहीं जाएंगे जब तक बाढ़ और बारिश की संभावना खत्म नहीं हो जाती। देवराज ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद धूप निकलने से फसलें सड़ रही हैं, जिससे फसल नुकसान का दोबारा सर्वे करवाने की आवश्यकता है।

जलस्तर में उतार-चढ़ाव: गांजर क्षेत्र में सरयू और शारदा नदियों का जलस्तर घट रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा टल गया है, लेकिन कटान की समस्या जारी है।

कटान का खतरा: लहरपुर तहसील के देवपालपुर में रंजीत, सालिग्राम, रोहित, और रामगोपाल के मकान लहरों के करीब 100 मीटर की दूरी पर हैं, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं। खेत भी कटान की चपेट में आ रहे हैं।

ग्रामीणों की चिंताएँ: ग्रामीणों का कहना है कि कटान रोकने के प्रयास बेअसर हैं। कई लोग अभी भी तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं और घरों की सफाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि बारिश और बाढ़ की संभावना बनी हुई है।

संपर्क मार्गों की स्थिति: सरयू नदी के जलस्तर में कमी आने से बाढ़ पीड़ितों की समस्याएँ कम हो रही हैं, और संपर्क मार्गों पर आवागमन बहाल हो रहा है, लेकिन कट चुके रास्तों पर अब भी समस्या बनी हुई है।

धरना प्रदर्शन की योजना: कटान पीड़ित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि यदि कटान रोकने के ठोस उपाय नहीं किए गए, तो ग्रामीण धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।

कटान रोकने के उपाय: कटान वाले क्षेत्रों में गेबियान रोप और बालू की बोरियों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है।

फसल नुकसान का सर्वे: बाढ़ के पानी के कम होने के बाद धूप निकलने से फसलें सड़ रही हैं, जिससे ग्रामीणों ने फसल नुकसान का दोबारा सर्वे करवाने की मांग की है।