6 हत्याओं के लिए भाड़े के बदमाश, दिल दहलाने वाली वारदात के पीछे दंग करने वाली वजह

in #sitapur4 months ago

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बदली जांच की दिशा से रामपुर मथुरा के पाल्हापुर प्रकरण की परतें खुलने लगी हैं। सूत्रों के मुताबिक, अनुराग के भाई अजीत ने ही क्रेडिट कार्ड के बकाया लोन को लेकर चल रहे विवाद में 10 मई की रात भाड़े पर लखनऊ के बदमाशों को बुलाकर मां सावित्री देवी, भाई अनुराग, भाभी प्रियंका, भतीजी आष्वी, आरना, भतीजे आदविक की हत्या करवाई थी।
बदमाशों के लिए दरवाजा भी अजीत ने ही खोला था। अनुराग की पत्नी प्रियंका लखनऊ के जानकीपुरम के सरगम अपार्टमेंट में बच्चों के साथ रहती थी और शुक्रवार को ही गांव गई थीं। पुलिस रविवार से अजीत व परिवार के पांच सदस्यों समेत दस लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
अजीत के ताऊ आरपी सिंह व उनके बेटों को कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) भी निकलवाया है, जिससे कुछ और तथ्य मिलने की संभावना है। इसमें अन्य परिवारजन की भी संलिप्तता की ओर संकेत मिल रहे हैं। पुलिस टीम ने गांव पहुंचकर 50 से अधिक लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।
अजीत सिंह रामपुर मथुरा के प्राथमिक विद्यालय बरीजगतपुर में सहायक अध्यापक है। वह परिवार के साथ महमूदाबाद के शहजानीगंज में मकान बनाकर रहता है। शुक्रवार सुबह वह पत्नी विभा को उसके मायके बाराबंकी के जुग्गौर छोड़ने गया था।
बताया जा रहा है कि वहां से लौटते समय लखनऊ में बदमाशों से मिला और घटना की साजिश रची। बताया जा रहा है कि अजीत पाल्हापुर वाले घर में बहुत कम आता था।
प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच, स्वाट, एसओजी, एसटीएफ और पुलिस महानिरीक्षक की ओर से गठित टीम कर रही हैं। अजीत को सोमवार को महमूदाबाद कोतवाली लाया गया। यहां कोतवाल के चेंबर में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) लखनऊ की टीम ने उससे पूछताछ की।
सूत्र बताते हैं कि पूछताछ में अजीत ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस को दी। जानकारी को साक्ष्यों में बदलने के लिए फारेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की।
टीम ने अजीत और विभा के साथ घर की सघन तलाशी ली। इसके बाद अजीत के ताऊ आरपी सिंह, नौकर और चालक को महमूदाबाद कोतवाली ले आई। अजीत सिंह के बहनोई को भी एसटीएफ ने कोतवाली बुलाया। इन सभी को अलग-अलग कक्षों में बिठाकर एसटीएफ के अधिकारियों ने पूछताछ की।