ऊर्जा संरक्षण के संबंध में क्षमता विकास हेतु कार्यशाला आयोजित

in #sitapur2 years ago

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उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) जो कि उत्तर प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण प्रावधानों को क्रियान्वित करने हेतु नामित राज्य अभिहित संस्था है द्वारा आज कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बरपुर, सीतापुर में किसानों एवं सम्बन्धित हितधारकों की ऊर्जा संरक्षण के संदर्भ में क्षमता विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत में प्रशिक्षक एवं सीनियर काउंसलर विशाल कुमार ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला साथ ही साथ टिकौली ग्राम सभा के प्रधान अखिलेश कुमार, प्रगतिशील किसान अशोक कुमार सिंह उर्फ मुन्ना भैया, नीरज कुमार मिश्र, रामकली एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ वी0 के0 सिंह को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

तकनीकी सत्र में प्रशिक्षक विशाल कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के संदर्भ में जागरूक किया जिससे वह अपने दैनिक जीवन में ऊर्जा खपत पर करने वाले खर्च को कम कर सकें। उर्जा के अपव्यय को रोक सके जिससे उनके दैनिक खर्च में कमी आएगी साथ ही साथ खेती किसानी में होने वाले ऊर्जा पर व्यय को कम कर सके। कार्यशाला में 5 स्टार रेटेड सिंचाई पंप, ऊर्जा दक्ष विद्युत उपकरणों जैसे एलईडी बल्ब, बीएलडीसी फैन आदि के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने हेतु प्रशिक्षित किया गया साथ ही साथ ट्रैक्टर, डीजल पंप, मोटर पंप के ऊर्जा दक्ष रूप से प्रयोग हेतु भी प्रशिक्षित किया गया। पंप में लगने वाले पाइप की प्रयोग विधि, इंजन, ट्रैक्टर आदि से ऊर्जा क्षय के तकनीकी कारणों पर भी विस्तार से चर्चा की गई साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपीपीसीएल के माध्यम से ऊर्जा दक्ष पंप के संदर्भ में चलाए जा रहे किसान उदय कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई। किसानों को यह भी बताया गया कि फसल के अवशेषों को जलाने के बजाय उन्हें कैसे ठीक से विकसित किया जाए अथवा कैसे उससे प्राप्त की जा सकती है।

कृषि वैज्ञानिक डॉ0 वी0 के0 सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए किसानों से अनुरोध किया की किसान भाई कृषि में प्रयुक्त होने वाले सभी यंत्रों का रखरखाव, उनकी सर्विसिंग एवं मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दें जिससे किसी भी स्तर से उर्जा का क्षय ना हो। ऊर्जा का क्षय होने से आर्थिक हानि होती है जिसके कारण खेती की लागत में वृद्धि होती है एवं मुनाफे में कमी आती है साथ ही साथ दैनिक जीवन में होने वाली बिजली की हानि को भी बचाने की आवश्यकता है। जैसा कि अधिकतर पाया जाता है कि दिन में भी चाहे वह स्ट्रीट लाइट के बल्ब हो अथवा हमारे घरों में हो बल्ब एवं पंखे आनावश्यक रूप से भी चलते रहते हैं जिससे राष्ट्रीय क्षति होती है। यदि हम लोग अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाएंगे तो हमारी ऊर्जा की पूर्ति भी सुचारू रूप से नहीं होगी। अतः हम लोगों को इसे अपनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों अखिलेश कुमार अशोक कुमार सिंह रामकली ने किसानों से ऊर्जा संरक्षण द्वारा बताई गई बातों पर अमल करने के लिए अनुरोध किया गया तथा यह भी आश्वासन दिया जो भी कार्यक्रम इस तरह के चलाए जा रहे हैं उनका लोगों में प्रचार प्रसार करके ऊर्जा संरक्षण को स्वयं जीवन में अपनाने उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी इस संदर्भ में जागृत करने
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अमरनाथ सिंह, डॉ उमेश कुमार सिंह, ऋचा सिंह एवं अभिषेक कुमार सिंह के साथ 55 महिला पुरुष किसानों ने प्रतिभाग किया।