डूबने से एक किशोर और चार बालकों की मौत

in #sitapur3 months ago

कमलापुर थाना क्षेत्र में नदी नहाने गए दो भाइयों समेत तीन बालकों की डूबकर मौत हो गई। सोमवार को यह हादसा हुआ। मृतकों में तीसरा बालक सगे भाइयों का चचेरा मामा था। उनके साथ दो और बालक नहाने के लिए गए थे, जो बच गए। मृतक भाई अपनी ननिहाल में आए थे। जहां यह हादसा हुआ। घटना के बाद से पूरे परिवार में मातम का माहौल पसरा हुआ है।
क्षेत्र के गांव रायपुर निवासी रामशरन के यहां महोली के गुझिया निवासी उनके नाती उमंग वाजपेयी उर्फ कान्हा (11) और अनिकेत उर्फ मोहन (10) करीब चार दिन पहले आए थे। सोमवार को वे अपने चचेरे मामा विवेक शुक्ला (12) के साथ गांव से सरायन नदी में नहाने के लिए गए थे। उनके साथ परिवार के ही दो अन्य बालक रवि और प्रशांत थे। महादेवा घाट पर जब वे नहा रहे थे, तभी अचानक विवेक का पांव फिसल गया। वह डूबने लगा तो उसको बचाने के प्रयास में कान्हा और मोहन भी उसी तरफ चले गए। तीनों को डूबता देखकर रवि और प्रशांत गांव की तरफ भागकर आए और लोगों को मामले की जानकारी दी। ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे और उन्हें निकालने के लिए नदी में छलांग लगा दी। गांव के राजेंद्र ने बड़ी मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला। परिजन तीनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

एसओ केबी सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

बेसुध हुई मां, अब जीने का फायदा नहींहादसे में जान गंवाने वाले भाइयों की मां रूपा जिला अस्पताल में दहाड़े मारकर रो रही थी। उन्हें उम्मीद थी कि शायद उनकी गोद नहीं उजड़ेगी। जैसे ही चिकित्सकों ने उनके दूसरे बेटे को भी मृत घोषित कर दिया। वैसे ही वह अपना सिर पीटकर रोने लगी। बेसुध होकर वह कहने लगी कि उनके बेटे आज तक कभी नदी नहीं नहाने गए थे। आज न जाने कौन सी मनहूस घड़ी थी, जब वे घर से निकलकर गए थे। अपने कलेजे के टुकड़ों के शवों को देखकर वह बार-बार यही कही रही थी कि मेरा तो संसार ही उजड़ गया। अब मैं भी कहीं मर जाऊं तो अच्छा है। ऐसे जीने से अब क्या ही फायदा जब उसके कलेजे के टुकड़े ही चले गए।