अज्जेपर झील की बदलेगी तस्वीर, पाथ वे से निहारेंगे पक्षी

in #sitapur8 months ago

सीतापुर। जिले की बिसवां तहसील स्थित अज्जेपुर झील को वन डिस्ट्रिक्ट वन वेटलैंड योजना (ओडीओडब्ल्यू) के तहत चयनित किया गया है। विभागीय अधिकारियों ने इसे संवारने के लिए करीब तीन करोड़ रूपये के विकास कार्याें का प्रस्ताव भी एक साल पहले शासन को भेजा है।अभी तक इसके सापेक्ष बजट न मिलने के कारण कायाकल्प का प्रस्ताव अधर में है। उप प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव ने बताया कि अज्जेपुर झील को एक नये टूरिस्ट हॉटस्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। 93 हजार हेक्टेयर में फैली इस झील का पूरी तरह से कायाकल्प किया जाना है। इसके तहत एक स्पेशल पॉथवे तैयार किया जाना है। यह पॉथ वे झील के चारों तरफ बनेगा। इससे पक्षी प्रेमी इस पर चहलकदमी पर एक निश्चित दूरी से पक्षियों की गतिविधियों का आनंद ले सकें।
इसके अलावा एक वन चेतना केंद्र को दुरुस्त करवाया जाएगा जिसमें पर्यटकों के लिए झील में आने वाले पक्षियों की जानकारी संग इसकी विशेषता पर एक स्लाइड शो भी चलाया जाएगा। एक भव्य प्रवेश द्वार भी तैयार कराया जाएगा। इस द्वार पर एक टिकट काउंटर व आकर्षक सेल्फी प्वाइंट तैयार कराये जाएंगे। उन्होंने बताया कि शासन को भेजे गए प्रस्ताव में इन कार्याें के साथ बाउंड्री के चारों तरफ कंटीले तार लगवाए जाएंगे।
इसके साथ झील की सफाई करवाकर घाट की रेलिंग, सीढि़यों, शौचालय व अन्य कार्य कराये जाएंगे। इसके साथ पक्षियों के बैठने के लिए हाईलैंड झील में छिछले पानी में बनाया जाएगा। इसके साथ झील के आसपास स्थित वॉच टावर की मरम्मत कराई जाएगी। परियोजना के तहत ग्रास लैंड मैनेजमेंट और पगडंडी के निर्माण की व्यवस्था भी की जाएगी। झील से जलकुंभी हटाने के लिए सफाई कार्य होगा।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्टीमर और बोट खरीदने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। यहां जीपीएस और पांच डिजिटल कैमरे भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कायाकल्प होने के बाद नैमिषारण्य के अलावा अज्जेपुर झील घूमने भी लोग दूर-दूर से आएंगे। इस झील की दूरी लखनऊ से करीब 90 किलोमीटर और नैमिष से करीब 55 किलोमीटर है।

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