विद्यालयों के सुचारू संचालन के कलेक्टर ने दिए निर्देश।

in #sidhi2 years ago

विद्यालयों के सुचारू संचालन के कलेक्टर ने दिए निर्देश

निर्देशों के उल्लंघन पर की जाएगी अनुशासनात्मक कार्यवाही

कलेक्टर एवं मिशन संचालक श्री मुजीबुर्रहमान खान समस्त प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों को विद्यालयों के सुचारू संचालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि विद्यालयों के संचालन की सघन माॅनीटनिंग जिले, विकासखण्ड एवं जनशिक्षा केन्द्र स्तर से सुनिश्चित की जायेगी। निर्देशों के प्रतिकूल तथा समय सीमा में पालन सुनिश्चित नहीं पाये जाने की स्थिति में दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

कलेक्टर श्री खान द्वारा समस्त शाला प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि विद्यालय परिसर, कक्षों एवं शौचालय की साफ-सफाई, आवश्यक मरम्मत, छात्रध्छात्राओं को बैठने हेतु आवश्यक दरी, टाट-पट्टी, अध्यापन कार्य हेतु आवश्यक चॉक डस्टर, आवश्यक पेयजल इत्यादि की व्यवस्था का कार्य सुनिश्चित होना चाहिए। ग्राम पंचायतों के माध्यम से विद्यालय में निर्मित शौचालय का समुचित साफ-सफाई का कार्य समय-समय पर सुनिश्चित करायें। इसके साथ ही निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत 6 से 14 वर्ष तक के शतप्रतिशत बच्चों का नामांकन, उनकी उपस्थिति तथा उनकी प्रारंभिक शिक्षा की पूर्णता सुनिश्चित करने का दायित्व राज्य शासन/स्थानीय निकाय का है। अतः स्कूल चलें हम अभियान के तहत चिन्हित समस्त बच्चों का विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित करें साथ ही उनके अभिभावकों से व्यक्तिशः सम्पर्क स्थापित कर उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करें।

कलेक्टर ने कहा कि शिक्षकों को रोचक एवं आकर्षक शिक्षा प्रदान करना होगा ताकि बच्चों की शिक्षा के प्रति रूचि बनी रहे। स्मरण रखें कि कोई भी बच्चा शाला से बाहर नहीं होना चाहिए। प्रत्येक शिक्षक नियमित रूप से विद्यालयीन समय पर अनिवार्यतः शाला में उपस्थित होकर अपने दायित्व का निर्वहन करें तथा शाला समय तक विद्यालय में उपस्थित रहें। बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अवकाश पर नहीं जायें। बिना स्वीकृति के अवकाश पर रहने अथवा शाला समय से पूर्व विद्यालय छोड़ने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

कार्य योजना व टाइम टेबिल के अनुसार कक्षाओं का संचालन हो

कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में कक्षा संचालन का टाइम-टेबिल तैयार हो जाना चाहिए। साथ ही माह की कक्षावार, विषयवार शैक्षिक कार्ययोजना बन जानी चाहिए तथा इस कार्य योजना व टाइम टेबिल के अनुसार कक्षाओं का संचालन किया जाना सुनिश्चित करें। प्रत्येक विद्यालय को आदर्श (मॉडल) शाला के रूप में विकसित करने का दायित्व सम्बन्धित विद्यालय के समस्त शिक्षकों का होगा। इस कार्य में लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा।

कलेक्टर ने कहा कि मॉनीटरिंग अमला द्वारा विद्यालयों में मासिक टेस्ट एवं उपलब्धि स्तर की मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक बच्चा अपनी आयु संगति के अनुरूप निर्धारित दक्षता व कौशल अर्जित करें। विद्यालय के शिक्षकों द्वारा कार्य दिवसों और विशेष रूप से सप्ताहांत के दिनों में कक्षानुरूप दक्षताएं अर्जित न कर पाने वाले बच्चों हेतु विशेष कक्षाएं लगायी जाये। आधारभूत कक्षाओं कक्षा-1 व 2 के बच्चों को मूलभूत दक्षता यथा- पढ़ना, लिखना व अंक गणित का ज्ञान होना चाहिए जबकि कक्षा-3 व आगे की कक्षाओं के बच्चे विषय सम्बन्धी अवधारणाओं को समझ सकें। विद्यालय परिसर में शैक्षिक वातावरण निर्मित करने एवं आकर्षक बनाने हेतु परिसर में वृक्षारोपण का कार्य आवश्यक रूप से कराया जाये।

कलेक्टर ने कहा कि विद्यालय में अध्ययनरत समस्त बच्चों को निःशुल्क गणवेश वितरण की कार्यवाही शीघ्र की जायेगी। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चे के पास निःशुल्क गणवेश उपलब्ध हो तथा वह नियमित रूप से विद्यालय में गणवेश के साथ उपस्थित हो। समस्त पात्र बच्चों को छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने का दायित्व विद्यालय के प्रभारी का होगा। इस हेतु समस्त आवश्यक औपचारिकताएं समय पर पूर्ण की जाये।

गुणवत्ता युक्त मध्याह्न भोजन का ही करें वितरण

कलेक्टर श्री खान ने निर्देशित किया है कि मध्यान्ह भोजन- शालाओं में नियमित रूप से मध्यान्ह भोजन मेन्यू के अनुसार बने तथा बच्चे साबुन से हाथ धोकर विधिवत पंक्ति में बैठकर भोजन करें व शुद्ध पेयजल उन्हें उपलब्ध हो। इसका पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित विद्यालय के शिक्षक का है। प्रत्येक शाला प्रमुख मध्यान्ह भोजन निर्मित होने के उपरांत प्रथमतः भोजन को चखें तथा गुणवत्तायुक्त भोजन ही बच्चों को प्रदाय करें। मध्यान्ह भोजन निर्माण, वितरण में किसी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकासखण्ड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावास संचालित हैं। इन आवासीय विद्यालयों में निर्धारित सीट संख्या अनुसार बालिकाओं का प्रवेश सुनिश्चित किया जाये। छात्रावासों में बालिकाओ का शासन द्वारा प्रदत्त समस्त सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा इनके अध्ययन-अध्यापन कौशल विकास हेतु सम्पूर्ण सक्षम प्रयास किया जाये।
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