सिद्धार्थनगर

वरिष्ठ कोषाधिकारी श्री विनोद कुमार की अध्यक्षता में कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) प्रथम उत्तर प्रदेश प्रयागराज के निरीक्षण दल बाल्मीकि गुप्ता सहायक लेखाधिकारी, राजकुमार यादव सहायक लेखाधिकारी एवं लालचंद मौर्या सहायक पर्यवेक्षक द्वारा समस्त आहरण वितरण अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुआ

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इस बैठक में श्री बाल्मीकि गुप्ता सहायक लेखाधिकारी द्वारा सामान्य भविष्य निधि डेबिट वाउचरों/क्रेडिट शेड्यूल, ए0सी0/डी0सी0 बिल, ऋण, अंतिम भुगतान प्रकरण/मिलान प्रकरणों संबंधी अद्यतन जानकारी, अनपोस्टेड आइटमों एवं अग्रिमों के लेखा के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
श्री बाल्मीकि गुप्ता सहायक लेखा अधिकारी द्वारा बताया गया कि कोषागार में प्रस्तुत किए गए सभी बिलों पर 15 अंकीय वर्गीकरण अनुदान भारित/ मतदेय अवश्य लिखा जाना चाहिए तथा उपरोक्त सभी विवरण प्रमाणित कराकर बैंक/कोषागार में भेजा जाए। प्राप्ति लेखाशीर्ष के चालानों में 13 अंकीय वर्गीकरण अवश्य लिखा जाए तथा संबंधित आहरण वितरण अधिकारी से प्रमाणित कराने के बाद बैंक और कोषागार को भेजा जाए। विभिन्न विभागों द्वारा ए0सी0 बिल आहरित किए जाते हैं लेकिन उनके सापेक्ष डी0सी0 बिल कार्यालय प्रधान महालेखाकार को नहीं भेजे जाते हैं जिसके कारण वह धनराशि लेखे में असमायोजित पड़ी रहती है। डी0सी0 बिल में आहरण वितरण अधिकारी का पदनाम, ए0सी0 बिल संख्या, दिनांक और लेखाशीर्ष अवश्य अंकित करें। ए0सी0 बिल के ऊपर लाल स्याही से ए0सी0 बिल का अंकन अवश्य करें। लंबित ए0सी0 बिलों के समायोजन हेतु यदि पूर्व में डी0सी0 बिल भेजा गया है तो उसकी सूचना लेखाधिकारी टीम -।।, कार्यालय प्रधान महालेखाकार लेखा एवं हकदारी प्रथम उत्तर प्रदेश प्रयागराज को अबिलंब भेजा जाना चाहिए। सहायक अनुदानों की उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय महालेखाकार लेखा एवं हकदारी को अवश्य भेज दिया जाना चाहिए। उपयोगिता प्रमाण पत्र में स्वीकृत आदेश संख्या, सहायक अनुदान स्वीकृत करने वाले प्रशासनिक/मंत्रालय विभाग का नाम, अनुदान प्राप्तकर्ता संस्था का नाम, सहायक अनुदान की राशि लेखा शीर्ष वाउचर संख्या एवं दिनांक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि अधिकारी का नाम जिससे उपयोग प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना है। सामान्य भविष्य निधि पासबुक में प्रत्येक माह डेबिट या क्रेडिट की पोस्टिंग, आहरण की धनराशि अंकों एवं शब्दों में लिखकर आहरण वितरण अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। सामान्य भविष्य निधि के शेड्यूल में कर्मचारी का नाम, सही सीरीज, सही जीपीएफ खाता संख्या, विभाग/कार्यालय का नाम अंकित किया जाना चाहिए। जीपीएफ पासबुक में निकासी कॉलम अनिवार्य रूप से भरा जाए। कर्मचारियों के स्थानांतरण पर उनके एल0पी0सी0 पर सामान्य भविष्य निधि लेखा संख्या का उल्लेख अवश्य रूप से किया जाना चाहिए। ऐसे अभिदाता जिन्हें 2003-04 या उसके बाद की लेखा पर्ची प्राप्त नहीं हुई है तथा कार्यालय महालेखाकार के वेबसाइट पर भी नहीं प्राप्त हो रही है ऐसे अभिदाता अपने आहरण वितरण अधिकारी के माध्यम से अपना नाम, पिता का नाम, लेखा संख्या, जन्मतिथि, नियुक्ति की तिथि एवं आहरण वितरण अधिकारी का पदनाम व कोड संख्या का उल्लेख करते हुए कार्यालय महालेखाकार लेखा व हकदारी प्रथम/द्वितीय उत्तर प्रदेश प्रयागराज को पत्र प्रेषित कराएं जिससे संबंधित विवरण उनके मास्टर डाटा में फीड किया जा सके जिससे अभिदाता को नेट के माध्यम से अपनी लेखा पर्ची प्राप्त हो सके। सेवानिवृत्ति के 6 माह पूर्व से जीपीएफ की कटौती बंद कर दी जानी चाहिए सेवानिवृत्ति के पश्चात किसी भी अभिदाता का अंशदान एरियर की कटौती सामान्य भविष्य निधि में न जमा किया जाए। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का सामान्य भविष्य निधि खातों का मिलान कार्यालय महालेखाकार से कराने के बाद ही 90 प्रतिशत भुगतान की कार्यवाही की जाए। 10 प्रतिशत अंतिम भुगतान प्रकरण को महालेखाकार कार्यालय को प्रेषित करते समय अग्रसारण पत्र में 90 प्रतिशत भुगतान की फोटो प्रति भी संलग्न की जानी चाहिए। टी0आर0-27 से आहरित धनराशि का समायोजन 03 माह या अधिकतम उस वर्ष के 31 मार्च तक अवश्य हो जाना चाहिए। समायोजन हेतु बजट प्राप्त करने की कार्यवाही विभाग/डीडीओ द्वारा अतिशीघ्र किया जाना चाहिए। 31 मार्च तक समायोजन न होने पर इसको गंभीर वित्तीय अनियमितता माना जाएगा। बैठक में विभागीय अधिकारियों एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का निराकरण किया गया।
इस बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त जिला पूर्ति अधिकारी श्री बृजेश कुमार मिश्र, जिला कमांडेंट होमगार्ड, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तन्मय, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी एजाजुल हक, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजन, जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभांगी कुलकर्णी, सहायक निदेशक मत्स्य व समस्त विभागों के लेखा कार्य देख रहे कर्मचारियों की उपस्थिति रही।