सुदामा चरित्र की कथा सुन भक्त हुए भाव विभोर

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मंडला. मृदु किशोर कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन पं. संतोष शास्त्री ने भागवत कथा की सबसे दिन को छू लेने वाली सुदामा चरित्र की कथा सुनाई गई। शास्त्री जी ने जिस भाव से यह कथा बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सुनाई, कथा को सुनकर कई भक्तों की आंखों में आंसू बहने लगे थे। शास्त्री जी ने कहा कि सुदामा की पत्नी ने अपने बच्चों को भूख से तड़पता देखकर सुदामा को भगवान श्री कृष्ण के पास जाने का आग्रह किया और कहा कि भगवान श्री कृष्ण दयावान हैं वह हमारी सहायता जरुर करेंगे, लेकिन सुदामा ने संकोच भरे स्वर में अपनी पत्नी से कहा कि श्री कृष्ण एक पराक्रमी राजा हैं और मैं गरीब ब्राह्मण हूं मैं कैसे उनके पास जाकर सहायता मांग सकता हूं। सुदामा की पत्नी ने उत्तर दिया क्या हुआ मित्रता में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। काफी समझाने के बाद सुदामा श्री कृष्ण के पास जाने को राजी हो गए उनकी पत्नी ने पड़ोसियों से थोड़े चावल मांग कर ले आई एवं सुदामा को वह चावल अपने मित्र को भेंट करने को कहा।

सुदामा महल के बाहर ही खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण की प्रतीक्षा करने लगे भगवान श्री कृष्ण सुदामा के पास पहुंचे एवं भगवान श्री कृष्ण सुदामा के मिलन का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया। पं. संतोष शास्त्री ने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं जो प्राणी अपनी अंतरात्मा से भगवान को पुकारता है भगवान सदा उसकी रक्षा करते हैं। बता दें कि मृदु किशोर कॉलोनी में 6 से 13 अक्टूबर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया आज कथा का समापन पूजन, हवन और भण्डारा के साथ होगा।