श्रीलंकाई जनता का राष्ट्रपति भवन पर कब्जा,राष्ट्रपति राजपक्षे फरार, सड़कों पर जनता का सैलाब
प्रदीप कुमार रावत
वर्तमान समय में दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है तो वहीं रूस और यूक्रेन में युद्ध के बाद खाद्यान्न की भी किल्लत पूरे विश्व में दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में श्रीलंका में हालात बद से बदतर हो गए हैं। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए। लेकिन न्यायपालिका ने उनकी याचिका को ठुकरा दिया प्रदर्शनकारियों का रास्ता साफ हो गया। इस समय श्रीलंका अस्थिरता की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है। खबरें आ रही है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंकाई नेवी द्वारा समुद्र के रास्ते विदेश भेजा जा रहा है जिससे उनकी एवं उनके परिजनों की जान को बचाया जा सके।
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। खबर आ रही है कि प्रदर्शनकारियों ने देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया है। कहा जा रहा है कि राजपक्षे घर छोड़कर भाग गए हैं। कुछ समय पहले जब भारी बवाल के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था।
स्थानीय मीडिया और रक्षा सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी AFP ने इसकी जानकारी दी है। श्रीलंका के अखबार डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रदर्शनकरी राष्ट्रपति भवन के भीतर घुस चुके हैं और उस पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय टीवी चैनल न्यूजफर्स्ट की वीडियो फुटेज में श्रीलंकाई झंडा और हेलमेट पकड़े प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के भीतर घुसते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन के भीतर नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
इस प्रदर्शन को रोकने के लिए राजपक्षे सरकार की न्यायपालिका की आड़ लेने की कोशिश कामयाब नहीं हो सकी है। पुलिस ने एक अदालत में अर्जी देकर इस प्रदर्शन पर रोक लगाने की गुजारिश की थी। लेकिन गुरुवार को अदालत ने वो याचिका ठुकरा दी। इससे विरोध प्रदर्शन का रास्ता खुल गया है। यही कारण रहा कि आज श्रीलंका की सड़कों नागरिक प्रदर्शन के लिए उमड़ पड़े और आम लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर ही कब्जा कर लिया।
एक चश्मदीद के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि पुलिस ने राष्ट्रपति भवन को घेरी गुस्साई भीड़ को रोकने के लिए हवा में फायरिंग की लेकिन उन्हें रोक नहीं पाई। रिपोर्ट में कहा गया, 'बैरिकेड्स को तोड़ते हुए हजारों प्रदर्शनकारी आवास के मुख्य द्वार पर पहुंचे और पुलिस को इस इलाके से पीछे हटते हुए देखा गया। हवा में चलाई गई गोलियों की आवाज सुनी गई और लगातार आंसू गैस के गोले दागे जाते रहे।'
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। वह स्पीकर से संसद को बुलाने का भी अनुरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी मार्च से ही राजपक्षे का इस्तीफा मांग रहे हैं। मई में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद श्रीलंका जल उठा था। दंगाइयों ने राजपक्षे के पुश्तैनी घर और सांसद व मंत्रियों के घरों में आग लगा दी थी।