श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति हड़पने का कर रहे पुरजोर प्रयास
- झूठी शिकायत कर ट्रस्ट के लोगों को किया जा रहा परेशान
- किया गया सहयोग अब ट्रस्ट के लोगों को कोर्ट कचहरी तक ले जाएगा
मंडला। कछवाहा समाज मंडला के बंधुओ द्वारा संचालित श्रीराम मंदिर ट्रस्ट पड़ाव वार्ड मंडला के मंगल भवन परिसर जहां ऑटो दुकान संचालित है, इसी के बाजू में अजय दुबे अपना जबरन कब्जा जमाए हुए हैं। जबकि उनके माता पिता स्वर्गीय पंडित सूरज दुबे एवं माता कृष्णा बाई दुबे के जीवित रहने तक उनके नि:शुल्क आवास के लिए ये जगह श्रीराम मंदिर ट्रस्ट द्वारा दी गई थी। कहावत है दया ही दुख का कारण होता है। समाज के द्वारा किया गया सहयोग अब ट्रस्ट के लोगों को कोर्ट कचहरी तक ले जाया जा रहा है।
बताया गया कि अजय दुबे गुड्डू द्वारा जबरन अवैध कब्जा कायम कर खाली न करने के बहुत से हथकंडे अपनाए जा रहे हैं 181 मुख्यमंत्री में ट्रस्ट अध्यक्ष रंजीत कछवाहा के नाम झूठी शिकायत जबलपुर के वकील के द्वारा बेबुनियाद नोटिस देना और तो और जिला न्यायालय मंडला में भी कोर्ट केश कर मामला बनाकर ट्रस्ट के लोगों को कानूनी दांव पेंच में फंसाकर परेशान किया जा रहा है। जबकि शासन के द्वारा 90 साल पुराने निर्माण, भवन, दुकान को जीर्ण शीर्ण जर्जर घोषित किया जा चुका है।
नव निर्माण किये जाने की आवश्यकता है तेज बारिश तूफान के कारण कभी दुर्घटना भी हो सकती है। इसके लिए 15 दिन के नोटिस के बाद भी जबरन अवैध कब्जा जमाए हुए हैं। ट्रस्ट की संपत्ति को हड़पने में उनके साथ दे रहे लोगों की मिली भगत इस बात से और उजागर होती है कि मंदिर के आस पास शासकीय जमीन पर कब्जा जमाए लोगों पर किसी ने अभी तक कोई आपत्ति नहीं उठाई। किसी ने कोई रिपोर्ट भी नहीं की और इस कारण ऐसे अवैध कब्जे को बल मिलता है। जबकि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट एक पब्लिक ट्रस्ट है जिसका कलेक्टर भी मुखिया होता है पर इन्हें न शासन से डर है और न ही भगवान से।
जिस समाज ने इनके पूर्वजों को पूरे जीवन आसरा दिया नि:शुल्क आवासीय सुविधा दी मृत्यु के बाद भी मृत्यु के बाद भी उनके कार्यक्रम इसी परिसर में नि:शुल्क आयोजित किये जाने हेतु सहयोग दिया अब उसी ट्रस्ट की संपत्ति को हड़पने की मानसिकता लिए कोर्ट कचहरी के दांव पेंच से बचते हुए नवनिर्माण में अड़ंगा लगाए हुए हैं ।
अध्यक्ष रंजीत कछवाहा का कहना है कि न्यायालय के लिखित निर्णय आदेश के अनुसार स्व. सूरज दुबे पत्नी स्व.कृष्णा बाई दुबे के जीवित रहने तक ट्रस्ट के द्वारा निर्धारित स्थान में बगैर किराया के रह सकेंगे। लेकिन विगत वर्ष कृष्णा बाई का भी देहांत हो गया। इसके पूर्व सूरज दुबे का देहांत हो चुका था । पर इनके पुत्र अजय दुबे गुड्डू बगैर परमिशन के बगैर किराया के संपत्ति हड़पने की नियत से जबरन कब्जा जमाये हुए हैं।
समाज के द्वारा बैठक, ट्रस्ट के प्रस्ताव, नोटिस, व्यक्तिगत निवेदन, न्यायालय के निर्णय को भी ये नजर अंदाज करते हुए अभी भी रह रहे हैं । ऐसी स्थिति अन्य मंदिर धार्मिक संपत्ति में न हो इसलिए सभी धार्मिक संगठनों से मेरा व्यक्तिगत निवेदन है अब हर पुजारी, सहयोगी से लिखित अनुबंध के बगैर सहयोग न करे। वरना ज्यादा समय हो जाने के बाद अपना कब्जा जमाने के लिए झूठे प्रकरण में फसाकर समय खराब करेंगे नवनिर्माण में बाधा उत्पन्न करेंगे। हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करेंगे।
Good coverage