भिनगा रोई, नहीं रहे राजा चन्द्र कान्त सिह

in #shravasti2 years ago

images (81).jpegश्रावस्ती। माता काली के अनन्य भक्त व देवीपाटन मंडल हिंदू के सिरमौर भिनगा स्टेट के राजा चंद्रमणि कांत सिंह का मंगलवार को लगभग 12:00 बजे आकस्मिक निधन हो गया। राजा चंद्र मणिकांत सिंह लगभग 80 वर्ष के थे सरल स्वभाव ,मृदुभाषी ,कर्मठता के पर्यायवाची कुछ समय से हलका इलाज चल रहा था ।80 वर्षीय राजा चंद्र मणि कांत सिंह के निधन की खबर सुनते ही पूरा भिनगा रो पड़ा जो जहां थे वहीं से राजा चंद मणिकांत सिंह के निधन की खबर सुनकर ही रोने लगे कि आज उनका भगवान उनके बीच नहीं रहा सब के सब अनाथ हो गए । घोर धार्मिक प्रवृति के राजा चंद मणिकांत सिंह काली माता के घोर भक्त थे सुबह उठकर राजा चंद्र मणिकांत सिंह माता काली का पूजन अर्चन के बाद ही अपनी कोई कार्य करते थे ।पूजन अर्चन के दौरान राजा चंद मणिकांत सिंह किसी भी व्यक्ति का कोई हस्तक्षेप पसंद नहीं करते थे राजा मणि कांत सिंह के पीछे एक इतिहास रहा है कि वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ लाल बाग पैलेस में एक बार राजा चंद मणिकांत सिंह मिलने उनके आवास पर गए उस दौरान राजा चंद मणिकांत पूजा पर बैठे हुए थे राजा चंद मणिकांत सिंह से मिलने के लिए वर्तमान रक्षा मंत्री को लगभग 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा और जब राजा पूजा के बाद उठे तो उनसे मुलाकात हो सकी ।यह समय उस समय का है जब राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बाद अपनी राजनीति की नई पारी शुरू कर रहे थे। माता काली के घोर अनुयायी राजा पूजा अर्चना के दौरान वह किसी प्रकार का भी हस्तक्षेप पसंद नहीं करते थे राजा चंद मणिकांत सिंह भिनगा के छह बार विधायक भी रह चुके हैं और सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम अब तक है 2007 तक राजा चंद मणिकांत सिंह को कोई भी परास्त नहीं कर सका । राजा चंद मणिकांत सिंह सबसे पहले कांग्रेस से, एक बार निर्दल, और इसके बाद 4 बार भाजपा से चुनाव जीत चुके हैं । रिकॉर्ड मतों से जीत का भी सबसे बड़ा रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। राजा चंद मणिकांत सिंह देवीपाटन मंडल में हिंदू के सिरमौर भी माने जाते रहे हैं उनके निधन से जहां जहाँ देवीपाटन मंडल में शोक व्याप्त हो गया है वहीं पर उनके अंतिम दर्शन को लेकर श्रावस्ती विधायक राम फेरन पांडेय, जिला अध्यक्ष महेश मिश्रा ओम ,उनके सह नजदीकी डॉक्टर विश्वनाथ मिश्रा , समेत तमाम पूर्व विधायक ,मंत्री व भाजपा तथा आर एस एस. व हिंदू महासभा के कार्यकर्ता ओ का भारी हुजूम उनके आवास पर जुटा रहा और चारों तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया रहा और हर तरफ से राजा के अच्छे गुणों व कर्मों की चर्चाएं आम रही है।