इस नफरत भरे तूफानी माहौल में मोहब्बत का चिराग जलाने वालों का इंतज़ार..!

in #shohard2 years ago

मुज़फ्फरनगर। IMG-20220414-WA0005.jpg हम एक दूसरे पर पत्थर बरसाने से क्या हासिल कर रहे हैं? इससे तो और अधिक खटास दोनों समुदायों में पैदा होगी,चाहे किसी भी धर्म का कोई भी जुलूस हो, जुलूसों पर पत्थर नहीं फूल बरसाने की जरूरत है कोई भी मजहब नफरत नहीं सिखाता है! मगर वोट की राजनीति के चलते देश भटकाव की राह पर है! कोई भी धर्म कभी भी बुरा नहीं होता है बल्कि उस धर्म की चादर ओढ़कर कुछ लोग धार्मिक बंटवारा कर अपना उल्लू सीधा करते है हुए नज़र आते हैं! हिंदू मुस्लिम के बीच बढ़ती नफरत का पैमाना क्या है और इसपर लगाम कब लगेगी इसका तो अभी दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है! हिंदू मुस्लिम एकता की बात करने वाले भी अब दूर दूर तक दिखाई नहीं देते हैं! जबकि कभी हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा गूंजा करता था सवाल ये नहीं है कि इस नफरत का अंत क्या होगा बल्कि सवाल यह है कि आखिर ये नफरत बढ़ती क्यों चली जा रही है?धार्मिक नफरतें हमको कितना ज़ालिम बना देती है कि हम किसी का घर तक बर्बाद कर देते हैं मगर हमारे चेहरों पर कोई पछतावा नहीं होता है?क्या ये आपसी नफरत आपसी लड़ाईयों को खत्म नहीं किया जा सकता है!क्या सभी धर्म के लोग एक होकर सिर्फ भारतीय होकर नहीं रह सकते हैं!ज़रा सोचिए अगर सभी के बीच एक मोहब्बत होगी तो हमारा हिंदुस्तान कितना खूबसूरत होगा हम तरक्की की सीढ़ीयां चढ़ने लग जाएंगें नजाने हमारे कितने विवाद खुद बखुद खत्म हो जाएंगें एकता सब चाहते हैं मगर कोशिशें कुछ ही करते हैं इस नफरत भरे तूफानी माहौल में मोहब्बत का चिराग जलाने वालों का इंतज़ार है!तथा वही ऐसे माहौल के चलते हम विश्व गुरु कैसे बन सकते हैं? हमारे देश में इस समय जो भी हो रहा है वह सब कमजोर करने वाला है सभी प्रमुख धर्म गुरुओं को आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने के लिए जो नफरत की दीवारें खड़ी हो रही है उन्हें देश हित में गिराने के लिए काम करना होगा अन्यथा आपस में लहूलुहान होकर हम देश को तो कमजोर कर ही रहे हैं अपने पैरों पर भी कुल्हाड़ी मार रहे हैं।