सीतापुर : शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है बैजनाथ धाम

in #shiv2 years ago

महोली-सीतापुर। कस्बे में स्थित बाबा बैजनाथ धाम शिवभक्तों की अटूट आस्था का केंद्र हैं। पूरे वर्ष शिवभक्त यहां पुजन के लिए आते हैं। श्रावण मास में शिव की महिमा देखते बनती है। पूरे महीने मेला लगता है और शृद्धालु यहां पूजन-अर्चन करते हैं व कांवड़ चढ़ाते हैं। हर अमावस्या को यहां मेला लगता है। जिसमें शृद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

हर अमावस्या को लगता है मेला, उमड़ती है शृद्धालुओं की भीड़

राजघाट से गंगाजल लेकर कांवडि़या यहां शिव आराधना के बाद विश्राम करते हैं। फिर खीरी जनपद स्थित गोला गोकरनाथ मंदिर में कांवड़ अर्पित करते हैं। सावन महीने में मंदिर की दिव्यता व भव्यता देखते बनती है। मंदिर के पीछे कठिना नदी गुजरती है। मंदिर का पौराणिक इतिहास रहा है। बात उस समय की है जब महोली का उदय हुआ था।

श्रावण मास में पूरे महीने लगता है मेला, शिवभक्ति करते हैं दर्शन

कठिना नदी के उत्तर दिशा में एक प्राचीन शिवलिंग था। शिव के गण जिसकी पूजा किया करते थे। इसी दौरान एक साधु बैजनाथ आये और उन्होंने शिव के गणों की पूजा शुरू कर दी। उनकी आराधना से उन्हें शिव जी प्राकट्य हो गए और उन्हें दर्शन दिए। शिव जी ने कहा हे महात्मा मंदिर का नाम तुम्हारे नाम से लिया जाएगा। तब से मंदिर का नाम बाबा बैजनाथ धाम पड़ा।

शिव आराधना से पुत्र की प्राप्ति

मंदिर इतिहास के जानकार बताते हैं 1963 में थाना प्रभारी आरके सिंह के कोई औलाद नही थी। नगर के शिवभक्तों ने उन्हें बैजनाथ धाम में शिव आराधना करने का परामर्श दिया। उन्होंने शिव आराधना के साथ संकल्प लिया कि अगर उन्हें औलाद हुई तो वह इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगे। कुछ समय बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

शिव दर्शन के बाद कांवड़ लेने जाता है कांवडि़यों का जत्था

इसी दौरान उनका स्थानांतरण हरगांव थाने हो गया। उन्होंने नवागत थानाध्यक्ष जसकरन सिंह से मंदिर निर्माण का वचन लिया। जसकरन सिंह ने नगर के प्रतिष्ठित लोगों की सहायता से उसी स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया। ऐसी मान्यता है शिवभक्तों द्वारा सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है।12138C05-80F3-4C99-B322-7107AAAFC162.jpeg

Sort:  

Good news visit my profile to