विधान परिषद में क्यों फूट-फूटकर रोने लगे योगी के मंत्री संजय निषाद

योगी सरकार के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद गुरुवार को विधान परिषद में फूट-फूटकर रोने लगे। करसवल कांड को याद करके संजय निषाद समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर बरसे और अपना दर्द जाहिर करते हुए रोने लगे। उन्होंने खुद पर फर्जी मुकदमा लगाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोगों को देश में राजनीतिक करने का कोई हक नहीं है। कसरवल कांड में पुलिस की गलती बताए जाने के कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए संजय निषाद ने उनके खिलाफ लगाए गए मुकदमे को वापस लेने की मांग की। संजय निषाद ने गोलकांड को याद करते हुए कहा, ''7 जून 2015 को करसवल कांड, रेल केंद्र सरकार की होती है। मेरे लोग रेल को लेकर आवाज उठा रहे थे। समाजवादी पार्टी ने गोली मरवा दिया। एक मेरा भाई मारा गया और 302 (हत्या) का मुल्जिम हमें बना दिया। जेल में हमें तन्हाई में रखा गया था।'' यह कहते-कहते संजय निषाद का गला भर आया और रोते हुए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कहा।

संजय निषाद ने कहा कि ऐसे लोगों को देश में राजनीतिक का हक नहीं है। हमें सबसे बड़ा अपराधी घोषित किया। हम कैसे जिंदा हैं, मैं जानता हूं। मेरा साथ न्याय होना चाहिए, इन जातियों के साथ न्याय होना चाहिए। इन्होंने 2015 में फर्जी 302 का मुकदमा लगाया। कोर्ट ने मान लिया है कि गोली पुलिस की चली है। मैं चाहता हूं कि इसमें जांच हो। मेरा साथ मेरे सारे लोगों के मुकदमे वापस हो जाएं। मैं धन्यवाद दूंगा योगी जी को कि मेरी जान को बचाया है।''सरकारी नौकरी में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर संजय निषाद की पार्टी संतकबीरनगर जिले की सीमा पर कसरवल में आंदोलन कर रही थी। हजारों लोग रेलवे ट्रैक पर जमा था। इनकी अगुआई संजय निषाद कर रहे थे। दूसरी तरफ पुलिस और आरपीएफ की तैनाती थी। तभी भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू हो गया। इस दौरान कई राउंड गोली चली। इसमें एक युवक की मौत हो गई तो दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए।