मौत का रहस्य: मनहूस 28 तारीख का ये रहस्य जानकर दंग रह जाएंगे आप

कानपुर। इस सवाल का जवाब अब शायद ही मिल पाएगा। बतादें की पूरा मामला यूपी के फतेहपुर जिले से संबंध रखने वाले भाई-बहन आलोक और अनामिका की मौत के रहस्य को सुलझाने में 28 तारीख का जिक्र बार-बार आ रहा है।

ऐसा इसलिये है क्योंकि 28 तारीख को ही आलोक की मां का देहान्त हुआ था। इसके बाद से आलोक को 28 तारीख से नफरत हो गई।फतेहपुर धाता कस्बे के दक्षिण मोहल्ला निवासी महेंद्र गौतम चित्रकूट के आरोग्य धाम में काम करते हैं। महेंद्र की पत्नी मध्य प्रदेश के मझिलगंवा गांव के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल थीं। उनकी तीन महीने पहले कैंसर से मौत हो गई थी। मां की मौत के बाद उनका बेटा आलोक (24) व बेटी अनामिका (11) चित्रकूट में रहने लगे थे। आलोक एयरफोर्स की तैयारी कर रहा था।

उसने पिता से अपना सेलेक्शन कंबाइंड डिफेंस सर्विस में होने की बात बताई। आलोक ने बहन की हत्या कर खुदकुशी क्यों की? इस सवाल का जवाब अब शायद ही मिल पाए। ऐसे कई और सवाल भी भाई-बहन की मौत के साथ दफन हो गए हैं। पिता पर जानलेवा हमले के बाद बहन की हत्या और खुदकुशी को कम से कम एक कड़ी में तो नहीं जोड़ा जा सकता।

अचानक ऐसा क्या हुआ कि मां की मौत को लेकर डिप्रेशन में चल रहे आलोक ने यह कदम उठाया। जबकि, वह पिता और बहन के साथ 28 नवंबर से होटल में रुका हुआ था। न तो पिता और न ही पुलिस इस पर कोई रोशनी डाल पा रही है।

अजंता होटल में अनामिका की हत्या और भाई आलोक की खुदकुशी की तस्वीर तो लगभग साफ हो गई, लेकिन वजह को लेकर जरूर कई सवाल हैं, जिनके जवाब नहीं मिल पाए। एनजीओ से जुड़े फतेहपुर निवासी महेंद्र गौतम के परिवार में सोमवार तक सब कुछ ठीक चल रहा था।

हंसी-खुशी महेंद्र, उसका बेटा आलोक और बेटी अनामिका राजपुर रोड के एक होटल में ठहरे थे। यह भी मान लिया जाए कि मां की मौत का उसके दिलो-दिमाग पर प्रतिकूल असर पड़ा। इसके बावजूद भर्ती की बात को साबित करने के लिए आलोक ने खूब दिमाग चलाया था।

होटल का भुगतान मां और पिता के एटीएम से करता रहा। पिता को यह कहकर गुमराह करता रहा कि रकम नौकरी के बदले मिली है। बाकायदा रकम को इस खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित करने का खेल भी किया।

पिता से किस बात को लेकर नाराजगी थी कि उसने मंगलवार को उन पर जानलेवा हमला कर दिया। आखिर क्यों वह अगले दिन बुधवार को पुराने होटल को छोड़कर बहन के साथ नए होटल में चला आया। होटल में छोटी बहन को बड़ी बेरहमी से मारकर आलोक ने अपना गला काट लिया।

आलोक के दिमाग से नहीं निकल पाई 28 तारीख।

एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने बताया कि आलोक के दिलो-दिमाग से 28 तारीख नहीं निकल पा रही थी। मां सुमन की मौत भी 28 अगस्त को हुई थी। 28 सितंबर को एयरफोर्स में चयन होने की बात बताई थी और 28 नवंबर को ऑनलाइन एयरफोर्स ज्वाइन करने के लिए देहरादून आया था। 28 दिसंबर को चेन्नई में ड्यूटी करनी थी। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि मां की मौत की तारीख को वह भूल नहीं पा रहा था।