हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विशेष

in #shajapur2 years ago

सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मुख्य विपक्ष लोकतंत्र का चौथा स्तंभ (पत्रकार) ही होते है : राजेश सिसनोरिया .
हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई को भारत में मुख्य रूप से माना जाता है। भारत में मुख्य भाषा हिंदी है इसलिए हिंदी भाषा में पत्रकारिता करने वालो की संख्या 80 प्रतिशत है। जिले के वरिष्ठ पत्रकार माननीय राजेश सिसनोरिया ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बताया की लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथे स्तंभ के रूप में दर्जा मिला है। सभी हिंदी में पत्रकारिता करने वाले पत्रकार साथियों को आज के दिन की बधाई और शुभकामनाएं देता हु। वर्तमान समय में पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है। पत्रकारिता में एक वर्ग विशेष और सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी का कब्जा है। जिससे जनता की सही तस्वीर दिखाई नहीं जाति और जनता को गुमराह करने वाले दृश्य दिखाए जाते है। पत्रकारों को उच्च शिक्षित, खबरों का विश्लेषण, मनोविज्ञान, सामाजिक परिदृश्य, विज्ञान और तकनीकों की जानकारी होना चाहिए। प्रदेश में पत्रकारों पर झूठे केस दर्ज कर उन्हें अपमानित और प्रताड़ित करना गलत है। पत्रकारो को खत्म करने की जो शाजिस भ्रष्टाचारियों ने रची है वह कामयाब नही होगी। सरकार बनाना भी पत्रकार जानते हे तो सरकार गिराना भी। मंदिर मस्जिद की सेवा करने वालो को तनख्वा मिल सकती हे तो पत्रकारों को क्यों नही। क्या पत्रकारों की सेवा जनसेवा नही है। पत्रकारों को भी सहयोग राशि मिलना चाहिए। सही पत्रकारीता का उद्देश्य सही देश और समाज निर्माण है। सही देश निर्माण पूर्ण संविधान लागू होने से होगा जो मौजूदा सरकार नही कर रही। पत्रकारों को समाज और देश को अंधकार और अंधविश्वास में नही धकेलना चाहिए। खबरों में जबरन चमत्कार और असत्य तथ्यों की आस्था नहीं भरना चाहिए। राजनीतिक खबरे तथ्यों के विश्लेषण के आधार पर बनाई जाए ताकि जनता खबरों से गुमराह और प्रताड़ित ना हो। जो भी सरकार हो उसे पत्रकारों के हितों के लिए अलग से आयोग बनाकर लोकतंत्र को मजबूत करने की ओर ध्यान देना चाहिए।