ओबीसी महासभा के बैनर तले पिछड़ा वर्ग ने किया मध्यप्रदेश बंद रहा जिला स्तर पर असर

in #shajapur2 years ago

पिछड़ा वर्ग ने संवैधानिक हक अधिकारो को खत्म करने की शाजिस रची थी कांग्रेस और भाजपा ने : राजेश सिसनोरिया

भोपाल-IMG-20220521-WA0046.jpg प्रदेश में आज पिछड़ा वर्ग ने अपने संवैधानिक हक और अधिकारो के लिए 21 मई को प्रदेश व्यापी आन्दोलन के तहत मध्यप्रदेश बंद बुलाया था। जिसका असर मुख्य रूप से जिला स्तर पर रहा। ओबीसी समाज ने आज प्रदेश बीजेपी को चिंतित कर दिया है। ओबीसी अब कांग्रेस, बीजेपी और आरएसएस की शाजिस में नही आने वाली। ज्ञापन में विषय रहा ओबीसी वर्ग की जनगणना कराने तथा जनसंख्या प्रतिशत में आरक्षण लागू कराने के संबंध में आज मुख्य रूप से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित केंद्र और राज्य सरकार के मुख्य जुम्मेदारो को ज्ञापन सौंपा गया।

प्रदेश व्यापी आंदोलन में ओबीसी महासभा का साथ दिया, तेली पिछड़ा वर्ग महासभा, अखिल भारतीय यादव महासभा, लोधी क्षत्रिय महासभा, अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा, यादव समाज (यदुवंशी ) संगठन, डाॅ.आम्बेडकर युवा संघ, अखिल भारतीय पाल युवा महासभा, अखिल भारतीय कुशवाह युवा महासभा, अखिल भारतीय आदर्श चैरसिया महासभा, बहुजन अधिकार संघ, बुंदेलखण्ड किसान मजदूर संघ, अखिल भारतीय कुर्मी महासभा, अखिल भारतीय लोधी अधिवक्ता संघ, सर्व सेन समाज, अखिल भारतवंशी युवा यादव महासभा, विश्वकर्मा समाज संघ, अखिल भारतीय प्रगतिशील लोधी क्षत्रिय समाज, साहू समाज समिति, अखिल भारतीय धाकड़ महासभा, म.प्र. कुर्मी महासभा, राष्ट्रीय प्रजापति संघ, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी, सबका दल यूनाईटेड, आदर्श न्याय रक्षक पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश, बहुजन समाज पार्टी, अहिंसा समाज पार्टी सहित सैकड़ों सामाजिक संस्था व राजनीतिक दलों ने ओबीसी के आरक्षण को लेकर प्रदेश व्यापी महाबंद का समर्थन किया है।

.........ओबीसी की प्रमुख मांगे.........

  1. ओबीसी वर्ग की जातिगत जनगणना कराई जाए।
  2. क्रीमी केयर को समाप्त की जाए।
  3. जनसंख्या प्रतिशत में स्थाई रूप से आरक्षण लागू किया जाए।
  4. हाई कोर्ट में जज भर्ती का कोलेजियम सिस्टम बंद किया जाए।
  5. पिछड़ा वर्ग के कल्याण के आयोगों को लागू किया जाए।
  6. 2022 की जनगणना में ओबीसी का कालम रखा जाए।
  7. ओबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित किया जायें।
  8. आरक्षित वर्गो के रिक्त पदों पर भर्ती की जाये।

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राजेश सिसनोरिया का राजनितिक विश्लेषण
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देश की आजादी के 75 साल हो चुके है और भारत के संविधान में पिछड़े वर्ग के उत्थान और विकास के लिये जो प्रावधान किया गया है। उसे शाजिस पूर्ण तरीके से छुपाकर राजनीतिक पार्टिया के उच्च वर्ग के कांग्रेस और भाजपा के नेताओ ने ओबीसी वर्ग को संविधान के विरूद्ध प्रचार कर गुमराह कर सिर्फ इस्तेमाल किया है। पिछड़ा वर्ग को राजनीति व सरकारी नौकरियों में उनके हक व अधिकारों से वंचित रखा। जब जब चुनाव आते है भाजपा और कांग्रेस के नेतागण एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाकर पिछड़े वर्ग के लोगों को गुमराह करते है। शिवराज सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को समाप्त कर ओबीसी वर्ग को नाराज किया जिससे उसका घुस्सा आज मध्यप्रदेश बंद के रूप में फूटा अब ओबीसी जागृत हो चुकी है। ओबीसी अब किसी भी पार्टी की शाजिस का शिकार नही होगी। खास कर बीजेपी के धर्म के मुद्दे की शाजिस में। पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक हक अधिकारो को खत्म करने की शाजिस रची थी कांग्रेस और भाजपा ने लेकिन ओबीसी के संघर्ष से सफल नहीं हो पाए। अब पिछडा वर्ग पूर्ण संवैधानिक अधिकारों के लिए एकजुटता के साथ संघर्ष कर रहा है।

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