ख्वाजा नगरी से निकाला जायगा जुलूसे मोहम्मदी

in #shahdol2 years ago

शहडोल । 27 सितम्बर को स्वीउल अव्वल शरीफ ईद मीलादुन्नबी का चांद नजर आ चुका है इसलिये इस साल जश्ने ईद मीलादुन्नबी स्वल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पैगंबरे इस्लाम, हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के विलादत पाक जन्मदिन का जश्न 09 अक्टूबर बरोज इतवार को बड़ी धूम धाम से मनाया जायेगा जिसमें पूरे मुल्क में जलसे व जुलूस, जुलूसे मोहम्मदी का (आयोजन) किया जाता है इस खुशी में लोगो द्वारा अपने घरो मोहल्लों व शहर को झंडे बैन से सजाया जाता है, रजा-ए-मुस्तफा कमेटी द्वारा भी हर साल इस जश्न को वही धूम-धाम से मनाया जाता है।रजा-ए-मुस्तफा कमेटी खाजा नगरी की जानिब से हर साल की तरह इस साल भी ईदों की ईद ईद मीलादुन्नवी स्वल्लाहो अलैहे वसल्लम मुस्तफा जाने रहमत स्वल्लल्लाहो अल वसल्लम के विलादत पाक जन्मदिन की खुशी का जश्न जश्ने ईद गीलादुन्नबी लाहो अलैहे व सल्लम बढ़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस खुशी के मौके पर रजा-ए-मुस्तफा कमेटी द्वारा ख्वाजा नगरी सोहागपुर में 12 दिनों के लिये एक तारीख से सुबह व शाम लंगर-ए-आम जारी है और मोहल्ले को झंडे मंडियों से सजाया जा रहा है व 09 अक्टूबर बरोज इतवार को ख्वाजा नगरी सोहागपुर में 11:00 बजे से 02:00 बजे तक आम लंगर का एहतमाम (प्रबंध) रहेगा और 02:00 बजे एक आलीशान जुलूस जुलूसे मोहम्मदी निकाला जायेगा जिसमें शहर के लोगों के साथ ही एतराफ के इलाकों से लोग जीपों, मिनी ट्रकों, एवं ट्रकों के साथ ही अपनी दो पहिया वाहनो से व पैदल आकर हज़ारों की तादाद में शरीक होते है।यह जुलूस ख्वाजा नगरी से दोपहर 02:00 बजे रवाना होगा और बाईपास मुख्य मार्ग से गढ़ी होता हुआ जयस्तंभ से गांधी चौराहा से पहले रघुराज स्कूल के सामने से वापस जयस्तम से गढ़ी होता हुये ख्वाजा नगरी पहुंचेगा जहां जुलूस जलसे में तब्दील हो जायेगा।जलसे में नबी की शान व अजमत के बयान के साथ ही पैगम्बरे इस्लाम का पैगाम, मुल्क परस्ती, मुल्क में अमन व शांति भाईचारा के साथ ही आतंकवाद विरोधी अभियान में शरीक होने का पैगाम देते हुये इस्लाम का सही नजरिया लोगो के सामने पेश किया जायेगा रजा-ए-मुस्तफा कमेटी ख्वाजा नगरी तमाम लोगो से अपने अहलो अयाल, दोस्त अहबाब व अजीजो अकारिब के साथ जुलूसे मोहम्मदी स्वल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्लम में शिरकत की अपील करती है और यह भी अपील करती है कि हर आशिके रसूल हाथों में सब्ज परचम (झण्डा) लहराता हुआ चले, इधर उधर की दुनियादी बातों में मशगूल न रहे बल्कि मरहबा गरहवा की सदाये लगाते हुए, नारों का जवाब देते हुए बयानात सुनते हुए और दुरुद शरीफ का विर्द करते हुए निहायत शाइस्तगी के साथ चलें क्योकि हम मोहम्मद अरबी स्वल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम की पैरवी और इत्तेवा करने वाले उनसे मोहब्बत रखने वालों में से है तो हमारा हर अमल शरीअत के मुताबिक होना चाहिए. हमारा किरदार ऐसा न हो कि किसी को अगुश्त नुमाई का मौका मिलें।