दो दोस्तो ने विज्ञान की दुनिया में एक अलग खोज करने का किया दावा।

in #science2 years ago

आज युवा वर्ग विभिन्न कार्य क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहा है. व्यापार से लेकर तकनीक के क्षेत्र में और राजनीति से लेकर विज्ञान के क्षेत्र में हर जगह युवाओं का बोलबाला देखने को मिला है. आज हम ऐसे ही कुछ नए युवा वैज्ञानिक के बारे में और कुछ बताने जा रहे हैं जो आपको पल भर के लिए सोचने पर मजबूर कर देगा. दरअसल कुछ युवा वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने अपने नवप्रयोगों की कसौटी पर खरा उतारने का दावा किया है. ये नौजवान वैज्ञानिक हैं - आरिफ अली और दिव्यराज सपकोटा जो मूल रूप से नेपाल के नागरिक हैं. वे जिस नए वैज्ञानिक सिद्धांत पर शिद्दत से काम कर रहे हैं, उनके संबंध में उन्होंने दावा पेश किया है कि वे अपने अध्ययन और शोध से निकलने वाले प्रयोग में सफल होने वाले हैं. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके इस शोध के बाद आइंस्टाइन और न्यूटन की थ्योरी भी काफी पीछे छूट जाएगी.

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दरअसल ये दोनों वैज्ञानिक ‘थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’ के शोध पर काम कर रहे हैं. इनका दावा है कि ये जिस प्रयोग को अमली जामा पहनाने वाले हैं, उसका आधार हमारे अति प्राचीन ग्रन्थ भगवत गीता और अथर्ववेद हैं. जिस शोध अर्थात "थ्योरी ऑफ एवरीथिंग" में आरिफ अली और दिव्यराज सपकोटा दत्तचित्त हैं, उनका कहना है कि विश्वभर के वैज्ञानिक काफी समय से इस सिद्धांत पर काम कर रहे हैं लेकिन वे अभी तक इसमें सफल नहीं हो पाए हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार इस सिद्धांत में भौतिक विज्ञान की अनेक वर्तमान मान्यताओं को समेकित करते हुए उन्हें परिष्कृत किया गया है. इसके प्रथम चरण की सफल प्रस्तुति और दो सैद्धांतिक अध्ययनों और प्रयोगों को "टाइम डायलेशन इन फोर्थ स्पेशल डायमेंशन" एवं "ग्रेविटी इन फोर्थ स्पेशल डायमेंशन " को अंतरराष्ट्रीय शोध कार्य के रूप में प्रकाशित किया गया है. दोनों युवा वैज्ञानिक इस अध्ययन को लेकर इतने उत्साहित हैं कि वे हाल ही में नयी दिल्ली भी आए थे. बहरहाल, दोनों युवा वैज्ञानिकों आरिफ अली और दिव्यराज सपकोटा की माने तो राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अकादमी ने भी उनके अध्ययन की समीक्षा करते हुए प्रशंसा की है.

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थ्योरी का लिंक :- https://osf.io/czg2a
https://osf.io/ms5a7