Barabanki News: पहले आंदोलन अब धान की रोपाई, चौपट पढ़ाई

in #schoollast month

IMG_20240724_195721.jpg
Image credit: Amarujala

बाराबंकी।

परिषदीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। नए सत्र में स्कूल खुलने पर जुलाई का आधा माह शिक्षकों के आंदोलन की भेंट चढ़ गया। फिर जब पढ़ाने का मौका आया तो खेतों में धान की रोपाई तेज हो गई। अब बच्चे स्कूल न पहुंचकर धान की रोपाई में परिजनों का हाथ बांटने में जुटे हैं। इसके चलते ही स्कूलों में 30 से 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति ही दर्ज हो रही है।

बच्चों की कम हाजिरी के कारण नई शिक्षा नीति की गाइडलाइन का पूरा पालन भी नहीं हो पा रहा है। इससे निपुण भारत अभियान को भी झटका लग रहा है। स्थिति से निपटने के लिए बीएसए लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं।

जिले में करीब 2626 परिषदीय विद्यालय है। जुलाई में स्कूल खुले तो कक्षा एक व दो के बच्चों के पास किताबों का टोटा था। इसी बीच आठ जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी के मसले को लेकर शिक्षकों का आंदोलन शुरू हो गया। इस दौरान ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय व स्कूलों में चल रहे धरना प्रदर्शन से बच्चों की पढ़ाई ठप रही। ऑन लाइन हाजिरी का फरमान स्थगित हो जाने के बाद जैसे तैसे पढ़ाई शुरू हुई तो बरसात के बीच खेतों में धान की रोपाई शुरू हो गई।

गांव के गरीब किसान व मजदूरों के बच्चे स्कूल जाना छोड़कर खेतों में धान लगाने के काम में जुट गए हैं। ब्लॉक में तैनात एआरपी की रिपोर्ट बताती है कि इसी कारण वर्तमान में स्कूलों में मात्र 30 से 50 फीसदी तक बच्चे ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। बुधवार को बीएसए संतोष देव पांडेय ने फतेहपुर तहसील क्षेत्र के कई विद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षण कार्य की हकीकत को परखा। उन्होंने बच्चों की हाजिरी बढ़ाने का निर्देश भी बीईओ को दिया।
बच्चों की संख्या पहुंची 2.80 लाख
जुलाई माह में बेसिक शिक्षा विभाग विशेष नामांकन अभियान भी चला रहा है। इसके तहत ही अब तक जिले में 2.80 लाख बच्चों का पंजीकरण हो चुका है। बीते वर्ष स्कूलों में पंजीकृत हुए बच्चों की संख्या साढ़े तीन लाख थी।

कटेगा वेतन, बीईओ भी जवाबदेह

बीईओ से लेकर शिक्षकों तक को स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसकी समीक्षा भी की जा रही है। लापरवाही मिलने पर वेतन रोकने के साथ ही बीईओ को भी जवाबदेह बनाया जा रहा ह