सिपाही के भाई को ठग गिरोह ने ठगा, पुलिस ने वापस कराए 76 हजार रुपये
बांदा 15 सितंबर:(डेस्क)अतर्रा में एक सिपाही के भाई को ठगों के गिरोह ने निशाना बनाते हुए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर लगभग 77 हजार रुपये की ठगी की। यह घटना उस समय हुई जब पीड़ित ने अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए एक फोन कॉल प्राप्त किया। ठगों ने उसे विश्वास दिलाया कि वह आसानी से अपनी लिमिट बढ़ा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे कुछ शुल्क का भुगतान करना होगा।
ठगी की प्रक्रिया
ठगों ने पीड़ित से कहा कि उसे एक लिंक पर क्लिक करना है और उसमें अपनी जानकारी भरनी होगी। पीड़ित ने बिना सोचे-समझे उनकी बातों पर विश्वास किया और अपनी बैंक जानकारी साझा कर दी। इसके बाद, उसके खाते से धीरे-धीरे पैसे कटने लगे। जब उसे इस ठगी का एहसास हुआ, तो वह बहुत परेशान हुआ और तुरंत अपने भाई, जो पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, से संपर्क किया।
पुलिस की सक्रियता
सिपाही ने अपनी स्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत कोतवाली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस ने साइबर सेल को सक्रिय किया। साइबर सेल ने ठगों की पहचान करने और पीड़ित के पैसे वापस कराने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
पैसे की वापसी
साइबर सेल की सक्रियता के परिणामस्वरूप, लगभग 76 हजार रुपये पीड़ित को वापस मिल गए। यह एक महत्वपूर्ण सफलता थी, क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामलों में पैसे की वापसी बहुत कठिन होती है। पुलिस ने ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और लोगों को इस तरह के ठगों से सावधान रहने की सलाह दी।
ठगी के प्रति जागरूकता
इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच ठगी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया। पुलिस ने लोगों को सलाह दी कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर विश्वास न करें, खासकर जब बात पैसे या व्यक्तिगत जानकारी की हो।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल एक सिपाही के भाई के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक चेतावनी है। साइबर ठगों की गतिविधियों में तेजी आई है, और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस की सक्रियता और साइबर सेल की तत्परता ने इस मामले में राहत प्रदान की, लेकिन यह भी आवश्यक है कि लोग खुद को इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचाने के लिए जागरूक रहें।