हत्या के सात आरोपियों को हुआ आजीवन कारावास

अपर सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने सुनाया फैसला , लगाया ₹ एक लाख पांच हजार का अर्थदण्ड

संत कबीर नगर । तीन सगे व दो चचेरे भाईयों समेत हत्या के सात आरोपियों को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई । कोर्ट ने आरोपियों अमरजीत यादव , सभाजीत यादव , अनिल कुमार यादव , जय शंकर यादव , राम सहारे यादव , गंगादीन यादव व राकेश यादव पर विभिन्न धाराओं में कुल एक लाख 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड का भी निर्णय दिया है । घटना 13 वर्ष पहले हुई थी ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि मामला जिले के धनघटा थानाक्षेत्र के ग्राम चकिया धुसवा का है । प्रकरण में राममिलन केवट पुत्र राम आसरे केवट ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादी का आरोप था कि दिनांक 18 मई 2011 की रात में मेरे गांव के अमरजीत यादव की लड़की कहीं भाग गई थी । मेरे भाई रामप्रीत केवट की लड़की भी कहीं चली गई थी । दिनांक 19 मई को रात दस बजे मेरे भाई की लड़की घर आ गई । इसकी जानकारी होने पर अमरजीत यादव , सभाजीत यादव , अनिल कुमार यादव पुत्रगण राम प्रसाद यादव , जय शंकर यादव , राम सहारे यादव पुत्रगण शिव प्रसाद यादव , गंगादीन यादव पुत्र हुबलाल यादव ग्राम चकिया धुसवा व राकेश यादव पुत्र उदयराज यादव ग्राम गरथवलिया थाना धनघटा हाथ में लाठी डंडा लेकर मेरे भाई रामप्रीत केवट के दरवाजे पर चढ़ गए । जानमाल की धमकी के साथ गाली देते हुए अपनी लड़की के संबंध में पूछताछ करने लगे । पूछताछ रात 12 बजे तक चलती रही । इसके बाद उपरोक्त सभी लोग हम लोगों को लाठी डंडा , लात घूसा से मारने लगे । भाई रामप्रीत को पकड़कर सड़क के उस पार ले जाकर पाकड़ के पेड़ के नीचे सीने पर चढ़कर मार करके हत्या कर दिए । आरोपियों की मार से रमेश , सरिता, सुदामा व राम नयन को काफी चोटें आईं । पुलिस ने हत्या , हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं तथा दण्ड विधि संशोधन अधिनियम का अभियोग पंजीकृत किया । विवेचना के उपरांत सभी सात आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि अभियोजन ने कुल 13 गवाह प्रस्तुत किया । सभी ने अभियोजन कथानक का समर्थन किया । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने पक्षों को सुनने के पश्चात सभी आरोपियों को हत्या का दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई । कोर्ट ने आरोपियों को हत्या के प्रयास एवं दण्ड विधि संशोधन अधिनियम के आरोप से दोषमुक्त करने का फैसला दिया ।

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