हेमंत सरकार के आदेश से मचा हड़कंप... 3700 घरों में एक साथ छापेमारी; डेढ़ करोड़ जुर्माना

Screenshot_2022-05-26-08-01-56-36_a71c66a550bc09ef2792e9ddf4b16f7a.jpgरांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Newsझारखंड में बिजली चोरी के खिलाफ सरकार के आदेश से बुधवार को राज्यभर में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान 3731 घर, मकान और व्‍यावसायिक परिसरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई।
इस क्रम में 882 स्थानों पर बिजली चाेरी किए जाने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर 149.92 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्रदेशभर में चले छापेमारी अभियान में रांची में 63, गुमला में 21, जमशेदपुर में 60, चाईबासा में 39, धनबाद में 30, चास में 41, डालटेनगंज में 159, गढ़वा में 23, दुमका में 86, साहिबगंज में 67, गिरिडीह में 46, देवघर में 102, हजारीबाग में 76, रामगढ़ में 35 व कोडरमा में 34 लोगों पर बिजली चोरी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर जुर्माना लगाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग वीडियो कांफ्रेंसिंग में राज्य सरकार ने दिलाया भरोसा

राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि पतरातू विद्युत उत्पादन निगम और नार्थ कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट से इस वर्ष अक्टूबर माह से बिजली का आरंभिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। अक्टूबर, 2023 तक दोनों ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों से पूरी वाणिज्यिक क्षमता के साथ उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संग वीडियो कांफ्रेंसिंग में राज्य सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने दोनों निर्माणाधीन ऊर्जा उत्पादक संयंत्रों के कार्य प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा सचिव की मौजूदगी में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकारी भी उपस्थित थे। एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी दोनों परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष जताया।

तेजी से चल रहा ऊर्जा परियोजनाओं पर काम

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोरोना की बंदिशों के कारण निर्माण कार्य की गति थोड़ी मंद अवश्य पड़ गई, लेकिन अब इसमें अपेक्षित सुधार हुआ है। इसके कारण परियोजनाओं से इस वर्ष अक्टूबर माह से उत्पादन आरंभ होने की संभावना है। कोयला आधारित उत्पादन यूनिट से निकलने वाली राख को डंप करने के लिये 268 एकड़ वन भूमि डायवर्जन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। दोनों परियोजनाओं की निगरानी राज्य सरकार के स्तर से भी हो रही है। इस बाबत आवश्यक क्लीयरेंस आदि की कार्रवाई भी पूरी कर ली गई है। स्थानीय स्तर पर पैदा हुई समस्याओं को भी प्राथमिकता के स्तर पर निपटारा किया जा रहा है।

अक्टूबर, 2023 से वाणिज्यिक उत्पादन

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पतरातू थर्मल पावर स्टेशन को बंद कर एनटीपीसी के साथ संयुक्त उद्यम के तौर पर पतरातू विद्युत उत्पादन निगम की स्थापना की है। दो चरणों में यहां 4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित करना है। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। जबकि कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट की अधिष्ठापित क्षमता 1980 मेगावाट की है। वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी आधारशिला रखी थी। वर्ष 2013 में इसका कार्य आरंभ हुआ।

पतरातू में तेज चल रहा काम

बैठक में जानकारी दी गई कि रामगढ़ जिले के पतरातू में पहले चरण में 800 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण और दूसरे चरण में इतनी ही क्षमता वाली दो और इकाइयां स्थापित की जाएगी। अक्तूबर 2023 में उत्पादित बिजली का संचरण करने के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क बनकर तैयार हो जाएगा।

नार्थ कर्णपुरा का पहला प्लांट होगा आरंभ

चतरा स्थित नार्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट से पहले चरण में 660 मेगावाट का बिजली उत्पादन करने के लिए मार्च से तीन हजार आरपीएम स्पीड पर टर्बाइन संचालित किया जा रहा है। संचरण लाइन बनाई जा रही है। लाइन का काम पूरा होने के बाद एक माह तक ट्रायल होगा। उसके बाद वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन शुरू होगा। इसकी अधिष्ठापित क्षमता 1980 मेगावाट की है।