लाल निशान के और करीब पहुंची सरयू, चिंता बढ़ी

संतकबीरनगर,
धनघटा। बुधवार शाम से बृहस्पतिवार सुबह तक स्थिर रहने के बाद सरयू नदी का जलस्तर शाम होते-होते पांच सेंटीमीटर बढ़ गया। खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे सरयू नदी बह रही है। नदी के पानी में बढ़ाव होने के बाद तटवर्ती 32 गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरने लगे हैं। गांव की तरफ बाढ़ के पानी को बढ़ता देख लोग भयभीत हैं। लोगों का कहना है कि नदी के पानी में इसी तरह बढ़ाव जारी रहा तो शुक्रवार को कई गांव में बाढ़ का पानी घुस जाएगा। जिससे घर से पलायन करना मजबूरी हो जाएगी।
लगातार तीन दिनों से सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से बुधवार की शाम नदी बिडहर घाट पर 79.200 मीटर पर पहुंच गई । बृहस्पतिवार की सुबह का सरयू का जलस्तर जब मापा गया तो वह 79.200 मीटर पर स्थिर मिली। जिससे गांव के लोग और सिंचाई विभाग व तहसील प्रशासन ने कुछ राहत की सांस ली, लेकिन शाम चार बजे नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर वृद्धि होने के साथ 79.250 मीटर पर पहुंच गई। नदी अब यहां पर खतरे के निशान से महज 15 सेंटीमीटर नीचे रह गई है।
नदी का पानी बढ़ने से तटवर्ती गांव अगापुर गुलरिहा, मदरहा, भरपुरवा, दौलतपुर, सुअरहा, गुनवतिया, चकदहा, ढोल बजा, खाले पुरवा, पटौवा, सियरकला समेत 32 गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरने लगे हैं। ग्रामीण लालचंद, नीरज, संदीप, हरेंद्र, वीरेंद्र , रामसमुझ आदि का कहना है कि पहले से चारों तरफ पानी भरा हुआ था। इस बार जब नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है तो पानी तेजी के साथ फैलते हुए गांव की तरफ बढ़ने लगा है। बाढ़ के पानी से 1100 हेक्टेयर से अधिक फसल जलमग्न है।
तुर्कवलिया नायक के पास पानी एमबीडी बांध पर दबाव बनाया हुआ है। संभावित बाढ़ के मद्देनजर तहसील प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है।
कोट
अभी तक कहीं पर नाव की जरूरत नहीं पड़ी है। नाविकों को बुलाकर उनको संसाधन उपलब्ध कराकर हमेशा तैयार रहने के लिए कहा गया है। हल्का लेखपाल और कानूनगो बाढ़ से संभावित तौर पर प्रभावित होने वाले गांव में लगा दिए गए हैं।
-योगेंद्र कुमार पांडेय, नायब तहसीलदार

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