आठवीं के छात्र ने कागज जलाकर तैयार कर दी बिजली, सभी अचंभित

संतकबीरनगर। जनपद मुख्यालय स्थित खलीलाबाद पब्लिक स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले छात्र ने ऐसा मांडल तैयार किया है कि उसकी चौतरफा सराहना हो रही है। छात्र ने घर में पड़े रद्दी कागजों को जलाकर बिजली पैदा कर सभी को चौंका दिया। इस बिजली से घर और चौराहों को भी रौशन किया जा सकता है।
बताते चलें कि खलीलाबाद के स्टेशन पुरवा निवासी एडवोकेट विवेक श्रीवास्तव का 14 वर्षीय पुत्र अभिनव श्रीवास्तव खलीलाबाद पब्लिक स्कूल में कक्षा आठवीं का छात्र है। उसके स्कूल में मंगलवार को विज्ञान विषय की प्रतियोगिता का आयोजन होना है। इस आयोजन के लिए अभिनव श्रीवास्तव ने ऐसा मांडल तैयार किया कि परिवार के साथ ही मोहल्लेवासी भी हैरत में हैं। मांडल में उसने एक मकान तैयार किया है।
बताते चलें कि खलीलाबाद के स्टेशन पुरवा निवासी एडवोकेट विवेक श्रीवास्तव का 14 वर्षीय पुत्र अभिनव श्रीवास्तव खलीलाबाद पब्लिक स्कूल में कक्षा आठवीं का छात्र है। उसके स्कूल में मंगलवार को विज्ञान विषय की प्रतियोगिता का आयोजन होना है। इस आयोजन के लिए अभिनव श्रीवास्तव ने ऐसा मांडल तैयार किया कि परिवार के साथ ही मोहल्लेवासी भी हैरत में हैं। मांडल में उसने एक मकान तैयार किया है।

बगल में चौराहा और ट्रैफिक सिग्नल लाइट भी तैयार किया है। थोड़ी दूरी पर एक प्लांट तैयार किया है जिसमें कागज का टुकड़ा जलाते ही मकान की लाइटों के साथ ही चौराहे पर लगी ट्रेफिक सिग्नल लाइट भी जलने लगती है। छात्र की इस प्रतिभा पर उसके माता-पिता समेत अन्य परिजन फूले नहीं समा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम सिंह और एडवोकेट दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि इस तकनीक से बेहद कम ख़र्चे में बिजली तैयार की जा सकती है। इस माडल को स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सहयोग से उत्तर प्रदेश और भारत सरकार के संज्ञान में लाने का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।

यू ट्यूब पर सर्च करते हुए मिला क्लू
खलीलाबाद पब्लिक स्कूल के कक्षा आठवीं के छात्र अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले दिनों यूट्यूब पर सर्च करते समय इस प्रोजेक्ट का कुछ फार्मूला पता चला था। उसमें सोलर पैनल और बैट्री की सहायता से बिजली उत्पादन दिखाया गया था। मैंने उसमें सुधार किया और बाजार से छोटे साइज का सोलर पैनल, चार्जेबल बैट्री और ट्यूबलाइट स्टार्टर खरीदा। महज तीन दिनों की मेहनत के बाद प्रोजेक्ट तैयार हो गया।

उन्होंने बताया कि अन्य सोलर पैनल सूर्य की रोशनी से चार्ज होते हैं, लेकिन यह रद्दी कागज, पालिथीन और अन्य बेकार की चीजों को जलाकर चार्ज किया जाता है। आग की गर्मी से यह सोलर पैनल बैट्री को काफी कम समय में चार्ज कर देता है। छात्र अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार बड़े साइज की बैट्री और बड़ी क्षमता के सोलर पैनल लगाकर बड़े पैमाने पर भी ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि बेहद कम लागत में यह प्रोजेक्ट तैयार हुआ है। बेहद खराब मौसम या रात में भी रद्दी कागज या अनुपयोगी चीजों को जलाकर इससे बैट्री चार्ज कर अपनी जरुरतें पूरी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का नाम उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूज बाई वेस्ट रखा है। मंगलवार को विद्यालय में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में इस माडल को प्रस्तुत करुंगा।

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