डीएम ने सपरिवार खाई फाइलेरिया की दवा, लोगों से दवा खाने की अपील*
संतकबीरनगर, फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए)अभियान के दौरान जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए बनाई गयी टीम सुबह जिलाधिकारी आवास पर पहुंची।टीम के लोगों ने जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के साथ ही परिवार के अन्य लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज रोग है। यह जीवन को कष्टकारी बना देता है, इसलिए सभी लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए खिलाई जा रही दवा को जरुर खाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा तथा अपर मुख्य चिकित्सा धिकारी वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ वी पी पाण्डेय के निर्देश पर एएनएम पूर्णिमा भारती अपनी टीम की आशा कार्यकर्ता अजमापुर, अनीता देवी के साथ डीएम आवास पहुंची तथा जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, उनके पति तथा दोनों बेटियों व परिवार में मौजूद अन्य सदस्यों को भी फाइलेरिया की दवा खिलाई। इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी एस एन श्रीवास्तव ने भी फाइलेरिया की दवा खाई ।
जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय पर स्थित कार्यालयों में दवा खिलाने के लिए दो टीम का गठन किया गया है। यह टीम अधिकांश स्थानों पर फाइलेरिया की दवा खिला रही है। अब तक अधिकांश कार्यालयों में दवा खिलाई जा चुकी है। जिले में 17 लाख लोगों में से तकरीबन 12 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जा चुकी है।
जिला जेल में पूरा किया अभियान
जिला कारागार में कैदियों व जिला जेल के कर्मचारियों व अधिकारियों को दवा खिलाने का अभियान गुरुवार को पूरा हो गया। जिला जेल में आज 228 कैदियों व अधिकारियों को दवा खिलाई गयी। इसी के साथ जिला जेल में 650 से अधिक लोगों को फाइलेरिया की दवा खिला दी गयी। इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह, फार्मासिस्ट जीआर सिंह, पाथ संस्था के नोडल डॉ अनिकेत, संजय कुमार, एसएमसी पीसीआई, मलेरिया इंस्पेक्टर संजय यादव, अतिन कुमार, प्रेम प्रकाश, शशिबाला राय, दीपक यादव तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।
जिन लोगों ने भी दवा न खाई हो वे खा लें – सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्रविजय विश्वकर्मा ने सभी लोगों से यह अनुरोध किया है कि जिन लोगों ने भी फाइलेरिया की दवा न खाई हो वह जरुर खा लें। फाइलेरिया बीमारी परजीवी क्यूलेक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के जरिए फैलती है । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के कीटाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है।
पांच साल तक लगातार दवा खाकर बच सकते हैं रोग से
फाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना रही है। यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा आदमी को मृत के समान बना देती है। इस बीमारी को हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। साल में एक बार पांच साल तक अगर कोई व्यक्ति फाइलेरिया रोधी दवा खा ले तो उसे फाइलेरिया नहीं होगा ।
चित्र परिचय -
बेटियों के साथ ही फाइलेरिया की दवा खाते हुए जिलाधिकारी दिव्या मित्तल
फाइलेरिया की दवा खाते हुए डीएम की मां व पति
फाइलेरिया की दवा खाते हुए मुख्य विकास अधिकारी एसएन श्रीवास्तव
Good
Please like karne ke baad follow bhi kare 🙏🙏 me bhi aapko follow kar raha hun.