कब्र मे सूरज और रमजान की गुत्थी मे आया नया ट्विस्ट,परिवार के साथ थाना पहुंचा रमजान

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यूपी के कौशाम्बी जिले में कब्र में दफन शव के दो दावेदारों के सामने आने और शिकायत होने के बाद शव को कब्र से निकलवाकर DNA जांच के लिए जाने के बाद मामले में नया ट्विस्ट आ गया जब कब्र में दफन रमजान अचानक अपने परिवार के साथ सैनी थाना पहुंच गया और खुद के जीवित होने का सबूत दिया। पुलिस के सामने रमजान ने बताया कि बेरोजगारी के चलते माँ बाप उसे बेकार बैठकर खाना खाने का ताना दिया करते थे,जिससे नाराज़ होकर वह 4 माह पहले घर छोड़ प्रयागराज चला गया। जहाँ रहकर वह मजदूरी करने लगा। रमजान के जीवित होने के बाद सैनी पुलिस की उस कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। जिसमे पुलिस कर्मियों ने बिना किसी ठोस आधार के फ़तेहपुर निवासी संतराज के बेटे सूरज की लाश को रमजान साबित कर उसे न सिर्फ बिजलीपुर के परिवार को सौप दिया बल्कि उसे कब्र में दफन कर दिया गया।

दरअसल पिछले एक माह से कौशांबी की पुलिस और अधिकारी एक कब्र मे दफन लाश के सूरज या रमजान होने के रहस्य को खोलने के लिए तमाम जतन कर चुके है। अंतिम विकल्प के रूप मे सूरज और रमजान के परिवार सहित शव का डीएनए सैंपल 03 जुलाई को कराया गया। जिसकी डीएनए रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई। पुलिस डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर ही रही थी कि सूरज-रमजान की कहानी मे नया मोड आ गया। जिस बेटे को ट्रेन हादसे का शिकार बता बिजलीपुर के शब्बीर और उनकी पत्नी सफीकुलनिशा ने गाव की कब्र मे दफन कर दिया था।गुरुवार को जब रमजान उनके सामने जीवित आ गया तो माँ सफीकुलनिशा और पिता शब्बीर के खुशी अब छिपाए नहीं छिप रही है। उनका कहना है कि पुलिस ने जिस लाश को दिखाया वह उनके बेटे जैसी दिखी इस कारण उन्होने पहचान कर लिया। इसमे पुलिस ने उन्हे लाश रमजान के होने का भरोसा दिया। इसमे उनकी कोई गलती नहीं। बेटे को जीवित सामने देख अब शब्बीर और सफीकुलनिशा उसे अपने पास से एक पल के लिए भी ओझल नहीं होने दे रहे है।

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