गर्भवती व धात्री की सेवा में लगी हुई हैं आशा सुनीता देवी अबतक करा चुकी 16 प्रसव

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संतकबीरनगर जच्‍चा बच्‍चा को सुरक्षित बनाने के लिए चलाए जा रहे सुरक्षित मातृत्‍व अभियान में जिले के बघौली ब्लॉक की अतरौरा गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी अपना बेहतर योगदान दे रही हैं। नये वित्तीय वर्ष में वह तीन संस्थागत प्रसव करवा चुकी हैं और 16 गर्भवती का पंजीकरण कराया है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी उन्होंने 29 संस्थागत प्रसव कराए थे। कोविड की रोकथाम में भी उनके योगदान को सराहा जा रहा है।

सुनीता देवी के पति की मौत वर्ष 2006 में हो गयी थी । थोड़े दिन बाद तत्कालीन प्रधान के सहयोग से गांव में उनका आशा कार्यकर्ता के रुप में चयन हो गया । इसके बाद सुनीता देवी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांव के लोगों की सेवा को ही उन्‍होने खुद के आगे बढ़ने का जरिया बना लिया। सुनीता बताती हैं कि इसी के बाद जब भी आशा कार्यकर्ताओं के लिए कोई कार्य ब्‍लॉक से सौंपा जाता था उसे वह बखूबी करती थीं। चाहे वह फाइलेरिया रोधी अभियान हो या फिर मातृ स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा अभियान या फिर कोई अन्‍य अभियान। हर अभियान में वह काफी तन्‍मयता से जुड़ी रहती हैं। लोगों की सेवा के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।

रात के 12 बजे भी अगर कोई सुनीता के मोबाइल पर फोन कर देता है तो वह तुरन्‍त ही तैयार होकर एम्‍बुलेंस को फोन करके गर्भवती को नजदीकी सरकारी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद, बघौली या फिर जिला अस्‍पताल ले जाती हैं तथा उनका प्रसव होने तक वह वहीं पर रहती हैं। प्रसव के बाद जच्‍चा बच्‍चा की देखभाल में भी वह अपनी महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। पिछले दिनों उन्‍होने गांव की ही अंगीता देवी के जुड़वा बच्‍चों का भी प्रसव सामुदायिक स्‍वास्थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद पर कराया। कोविड काल में उन्‍होने अधिकारियों के दिशा निर्देश में काम किया तथा अपने गांव के किसी भी व्‍यक्ति को पाजिटिव नहीं होने दिया, जबकि उनका गांव हाईवे व सब्‍जी मंडी के पास है। वह लोगों से उस तरफ न जाने की अपील करती थीं, लोग उनकी बात मानते भी थे। गांव के 600 से अधिक लोगों को प्रेरित करके उन्‍होने कोविड टीकाकरण कराया। वहीं अब तक 350 से अधिक बच्‍चों का नियमित टीकाकरण भी कराया है।

गांव के लोग भी सुनीता के कार्यों से हैं खुश

सुनीता देवी के कार्यों से उनके गांव के लोग भी खुश हैं। अंगीता देवी बताती हैं कि उनके गर्भ में जब दो बच्‍चों की बात सामने आई तो लोग उनको प्राइवेट चिकित्‍सक के यहां जाने की राय दे रहे थे । वह भी प्राइवेट चिकित्‍सक के यहां जाना चाहती थीं, लेकिन सुनीता ने उन्‍हें विश्‍वास दिलाया तथा सीएचसी खलीलाबाद में ही उनकी नार्मल डिलिवरी करा दी। गांव के ही रवि प्रताप की पत्‍नी वन्‍दना सिंह बताती हैं कि उनके दो बच्‍चों का प्रसव सुनीता ने ही मेडिकल कालेज गोरखपुर तथा कैली हास्पिटल बस्‍ती में ले जाकर कराया। वहीं उनकी ननद का प्रसव भी सुनीता ने ही सरकारी चिकित्‍सालय में ही कराया था।

सुनीता के द्वारा किया जा रहा बेहतर कार्य

जिला कम्‍यूनिटी प्रासेस मैनेजर संजीव कुमार सिंह बताते हैं कि सुनीता देवी के द्वारा निरन्‍तर बेहतर कार्य किया जा रहा है। गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के पंजीकरण सेलेकर संस्थागत प्रसव तथा टीकाकरण में वह अपनी बेहतर भूमिका का निर्वहन करती हैं। पिछले साल भी उन्‍होने बेहतर प्रदर्शन किया तथा इस साल भी वह निरन्‍तर अच्‍छा कार्य कर रही हैं। संस्‍थागत प्रसव को लेकर वह काफी संवेदनशील हैं।

आशा कार्यकर्ता सुनीता से लें प्रेरणा – संगीता

जिला सुरक्षित मातृत्‍व परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि आशा कार्यकर्ता सुनीतानिरन्‍तर जच्‍चा बच्‍चा को सुरक्षित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान से जुड़ी हुई हैं। उनके द्वारा संस्‍थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बच्‍चों को दिला रही हैं बेहतर शिक्षा

आशा कार्यकर्ता के रुप में मिलने वाली प्रोत्‍साहन राशि की बदौलत वह अपने बच्‍चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए प्रयासरत रहती हैं। गांव में घर की स्थिति बेहतर तथा शौचालय न होने के चलते उन्‍होने घर से एक किलोमीटर दूर खलीलाबाद में कमरा लिया है। उनके दो बच्‍चे हैं जिनमें से बड़ी बेटी बी. एस-सी फाइनल इयर में है, जबकि बेटा इंटरमिडिएट में हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करती रहती हैं। उनका प्रयास है कि घर में शौचालय बन जाय तथा रहने के लिए कमरे की व्‍यवस्‍था हो जाए।