सिंचाई व्यवस्था बदहाल, सूख रही फसल

संतकबीरनगर। जिले के किसान एक बार फिर मुसीबत में हैं। खरीफ की फसल सूख रही है। फसलों को बचाने के लिए किसानों को जद्दोहजद करनी पड़ रही है, लेकिन बदहाल सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि सरयू नहर भी कहीं अधूूरी पड़ी हुई है तो कहीं नहर में पानी ही नहीं है। जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।
जिले में सिंचाई व्यवस्था की बात करें सरयू नहर का लोकार्पण दिसंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलरामपुर में लोकार्पण किया था। इससे किसानों को उम्मीद थी कि इस नहर से सिंचाई व्यवस्था मजबूत होगी, लेकिन कई जगह नहर अब भी आधी-अधूरी है। इसमें खलीलाबाद विकास खंड के गड़सरपार, बैलौली, पखुआपार, धवरिया, निचौरा आदि क्षेत्र शामिल हैं। इस नहर की लिंक नहर अभी तक नहीं बनी है। कारण यह है कि इसके लिए जो जमीन अधिग्रहित की जानी है, वह किसानों से नि:शुल्क लिया जाना है। ऐसे में जमीन का अधिग्रहण मुश्किल हो गया है। यहीं नही खलीलाबाद के एकमा, केरमुआ, बनियाबारी, सरौली आदि से होकर गुजरने वाली नहर में पानी नहीं है। जहां तक नलकूपों की बात है तो नलकूपों की नालियां ध्वस्त हो गई हैं। साथ ही जगह-जगह झांड झंखाड़ उग गए हैं। जिससे अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो गया है। यहीं नहीं बिजली कटौती भी नलकूपों को चलाने में बाधा बनी हुई है। पूर्व में नलकूपों के रखरखाव की जिम्मेदारी नलकूप खंड के जिम्मे थी, लेकिन अब ग्राम पंचायतों को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में किसानों को फसल बचाने के लिए महंगे डीजल खरीदने की मजबूरी बनी हुई है। इसमें भी किसानों को एक बीघा फसल की सिंचाई में सात से आठ घंटे लग जा रहे हैं। इस संबंध में पिछले दिनों डीएम दिव्या मित्तल ने सिंचाई से जुड़े अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिया है कि नलकूपों को पूूरी क्षमता के साथ चलाया जाए, जबकि सरयू नहर के अधिशाषी अभियंता विजय कुमार ने कहा कि जल्द ही अधूरी नहरों को पूर्ण करा लिया जाएगा। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।saraya-nahara-ma-uga-jhaugdha-jhakhaugdha_1662053596.jpeg