UP: बंदियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरेगी आजाद की 'स्माइल'

in #santkabirnagar2 years ago

Screenshot_2022-08-12-15-58-07-27_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpgगोरखपुर और आसपास के जिलों में स्माइल रोटी बैंक वर्ष 2016 से मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की काउंसिलिंग कर रही है। अब तक करीब 3,000 लोगों को काउंसिलिंग कर घर भेजा जा चुका है। इसी सेवा कार्य के लिए श्रीप्रकाश पांडेय ‘आजाद’ को स्वामी विवेकानंद अवार्ड से वर्ष 2020 में नवाजा जा चुका है।

गोरखपुर शहर में घूमने वाले मानसिक रूप से कमजोर लोगों की मददगार बनी स्माइल रोटी बैंक संस्था अब जेल में बंदियों के चेहरे पर मुस्कान बिखरेगी। संस्था को प्रदेश के सात जिलों में तनाव में जी रहे बंदियों की काउंसिलिंग कर उनकी मनोदशा को सुधारने का जिम्मा मिला है।

गोरखपुर जेल में नौ मई 2022 से स्माइल रोटी बैंक ने मानसिक रूप से तनावग्रस्त बंदियों की काउंसिलिंग शुरू की है। बेहतर परिणाम को देखते हुए महानिदेशक कारागार आनंद कुमार ने प्रदेश मुख्यालय में सेवा मॉडल के प्रस्तुतीकरण के लिए बुलाया था।

संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश पांडेय ‘आजाद’ ने लखनऊ में जाकर अधिकारियों को पीपीटी दिखाई। जिसे देखने के बाद जेलों में जेल प्रशासन के सहयोग से संचालित करने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में 11 अगस्त को उप महानिरीक्षक मुख्यालय कारागार (प्रशासन एवं सुधार सेवाएं) एसके मैत्रेय ने पत्र जारी कर काउंसिलिंग शुरू कराने की मंजूरी दी है।

आजाद ने बताया कि वालंटियर लगाकर पहले जेलों में सर्वे कराएंगे। ताकि तनाव में जी रहे बंदियों की सूची तैयार की जा सके। इसके बाद एक्सपर्ट जाकर काउंसिलिंग शुरू करेंगे। संस्था में चार एक्सपर्ट दो कानपुर व दो लखनऊ के हैं।
आजाद को मिल चुका है स्वामी विवेकानंद अवार्ड
गोरखपुर और आसपास के जिलों में स्माइल रोटी बैंक वर्ष 2016 से मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की काउंसिलिंग कर रही है। अब तक करीब 3,000 लोगों को काउंसिलिंग कर घर भेजा जा चुका है। इसी सेवा कार्य के लिए श्रीप्रकाश पांडेय ‘आजाद’ को स्वामी विवेकानंद अवार्ड से वर्ष 2020 में नवाजा जा चुका है।

इन जेलों में शुरू होगी काउंसिलिंग
केंद्रीय कारागार आगरा, वाराणसी, नैनी प्रयागराज एवं जिला कारागार आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, अयोध्या।

स्माइल रोटी बैंक के अध्यक्ष श्रीप्रकाश पांडेय ‘आजाद’ ने कहा कि जेलों के भीतर बंदियों के बीच तनाव, अवसाद इस तरह घर कर जाता है कि वे खुद इससे अनभिज्ञ होकर पशुवत जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। गोरखपुर जेल में कार्य से जो अनुभव प्राप्त हुआ, उससे स्पष्ट है कि प्रत्येक जेलों में बंदियों को काउंसिलिंग की जरूरत है। सात जेलों में काउंसिलिंग की अनुमति एक बड़ी उपलब्धि है। पूरी टीम कठोर परिश्रम से जेलों को ‘स्माइलिंग जेल’ बनाने में खरी उतरेगी।

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