खलीलाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया से शव दाह गृह हटाने की मांग

उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद पाठक ने डीएम को सौंपा पत्र

यूपीसीडा से बिना NOC जारी हुए वर्ष 2015-16 में शवदाह गृह का कराया गया था निर्माण

नगर पालिका ने पूर्व में पार्क की जगह बनवा दिया था शवदाह गृह

डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने संबंधित विभाग से रिकार्ड किया तलब

वर्ष 1973 -74 में खलीलाबाद में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम की स्थापना हुई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग-28 के किनारे औद्योगिक क्षेत्र है। करीब 231 एकड़ में फैले औद्योगिक क्षेत्र में 272 इकाइयां स्थापित हैं। इसमें 353 भूखंड हैं। अब तक 121 इकाइयां बंद हो चुकी हैं। जबकि 151 इकाइयां संचालित हो रही हैं। इसमें करीब 7,000 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। वर्ष 2013 में यूपीसीडा ने अनुरक्षण के लिए औद्योगिक क्षेत्र को हस्तांतरित किया था। जबकि अक्तूबर 2020 में नोटिफिकेशन के जरिए औद्योगिक क्षेत्र नगर पालिका के अंतर्गत शामिल हुआ है।

एक अक्तूबर को डीएम महेंद्र सिंह तंवर और एसपी सत्यजीत गुप्ता औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण करने गए थे। उसी दौरान उद्यमियों से पार्क का विकास कराए जाने की चर्चा की। उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद पाठक ने आरोप लगाया कि औद्योगिक क्षेत्र खलीलाबाद में नगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2015-16 में अनधिकृत ढंग से पार्क की जमीन में श्मशान घाट बनवा दिया है। इसका नकारात्मक प्रभाव औद्योगिक विकास के उपक्रमों पर पड़ रहा है। आरोप लगाया कि श्मशान घाट के लिए नगर पालिका प्रशासन ने यूपीसीडा से अनुमति भी नहीं ली है। सीधे-सीधे सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। डीएम से प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की। मंगलवार को लिखित रूप से डीएम को पत्र भी दिया। डीएम ने प्रकरण की जांच का भरोसा दिया।

उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने 25 मार्च 2013 को ही अनुरक्षण कार्य के लिए औद्योगिक क्षेत्र को नगर पालिका प्रशासन को सौंपा था। जिस जमीन पर श्मशान घाट बना है, वह जमीन अभिलेख में कब्रिस्तान व श्मशान अर्थात मरघट के नाम में दर्ज है। शहर के लोगों को शवों को अंतिम संस्कार के लिए करीब दो करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2015-16 में बनवाया गया था, जिसका लाभ लोग उठा भी रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में जो भी भूखंड आवंटियों को आवंटित हैं, उस भूखंड को व्यक्तिगत कार्यालय एवं आवास में तब्दील कर दिया गया है। नगर पालिका का मरम्मत का शुल्क वर्ष 2013 से बकाया है। काफी संख्या में लोग शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं। करीब दो करोड़ रुपये बकाया है। यदि यह रकम मिलती तो विकास कार्य कराए जाते। जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे गलत हैं। यदि जांच होगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी। -जगत जायसवाल, चेयरमैन खलीलाबाद

नगर पालिका प्रशासन ने यूपीसीडा से श्मशान घाट बनवाने की एनओसी नहीं ली है। जबकि वह जमीन औद्योगिक नक्शे में पार्क के नाम से दर्ज है। नगर पालिका प्रशासन को औद्योगिक क्षेत्र अनुरक्षण के लिए दिया गया है। किसी भी ऐसे निर्माण की अनुमति यूपीसीडा के जरिए नहीं दी गई है। -सुभाष चंद्र पांडेय, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा

औद्योगिक क्षेत्र में पार्क की जमीन में श्मशान घाट बनवाए जाने की लिखित शिकायत प्राप्त हुई है। प्रकरण गंभीर है। इसकी जांच एडीएम को सौंपी गई है। जबकि छह अक्तूबर को होने वाली नगरीय निकाय की बैठक में श्मशान घाट से जुड़ी पत्रावली ईओ को लाए जाने का निर्देश दिया गया है। -महेंद्र सिंह तंवर,डीएम

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संदीप जी, आप का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा... जिस तरह हम आप की सभी ख़बरों को अप वोट करते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से आप पूर्ण सहयोग नहीं.... जैसा आप करेंगे मजबूरन सर, हमें भी वही करना होगा....

सादर 🙏