नाकामियों का उजागर ना हो जाए प्रशासन ने रोका चौथे स्तम्भ " पत्रकारिता " का रास्ता !

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सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की सूचना विभाग द्वारा डालना , जिला प्रशासन को लगा नागवार,

सन्त कबीर नगर 30 मई 2022 बीते दिवस महामहिम राष्ट्रपति महोदय का प्रस्तावित आगमन 5 जून के परिपेक्ष में तैयारी का जायजा लेने मगर पहुंचे उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इसकी जानकारी मीडिया को ना होने पाए कार्यक्रम स्थल तक किसी भी हाल में मीडिया ने पहुंचने पाये इसको लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से मुस्तैद दिखे बताते चलें कि माननीय मुख्यमंत्री के आगमन का बीबी आईपी प्रोटोकोल की छाया प्रति जो जिला प्रशासन द्वारा जिला सूचना अधिकारी को नामित के क्रम में सूचना अधिकारी को जानकारी हेतु कार्यालय को प्राप्त करा दिया गया था वही कुछ पत्रकार भाइयों के द्वारा बार-बार विभाग से माननीय मुख्यमंत्री के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए बार-बार फोनिक संपर्क किया जाता रहा उसी कड़ी में उसी बीबीबी आईपी प्रोटोकोल को व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग द्वारा डाल दिया गया था जिसे लेकर जिला प्रशासन काफी गंभीर दिखा और यह जानकारी लेने की कोशिश की गई कि उपरोक्त जानकारी सोशल मीडिया पर कैसे चलाई गई थी जबकि वहां पत्रकार के प्रवेश पर रोक था =जिला प्रशासन को यह भी जानना चाहिए के प्रशासन और पत्रकारों के बीच की मेन स्तंभ होता है जिला सूचना कार्यालय तथा उसमें नामित जिला सूचना अधिकारी व विभाग जिनके माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश की सरकार द्वारा जिले में चलाई जा रही जन लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार अपने माध्यम से सूचना अधिकारी को देते हुए पत्रकारों को अवगत कराया जाता है जो अगले दिन अखबारों की सुर्खियों में बड़े-बड़े अक्षरों के चक्कर शासन और जिला प्रशासन के गुणगान को आम जनमानस तक पहुंचाता है, इतना ही नहीं सरकार के तीन अंग न्यायपालिका कार्यपालिका व्यवस्थापिका का आईना होता है चौथा स्तंभ जो शासन के लोक कल्याणकारी योजनाओ आदि के साथ लोगो के अधिकार की चिन्ता करता है उसके रक्षा का गौर करता है । आज वही प्रशासन मानो अपना दायित्व भूल गया है । वह भी उसके लिए जिसके माध्यम से लोक कल्याण कारी योजनाओ का प्रचार प्रसार करवा कर उसकी जवाबदेही वगैरह सुनिश्चित करता है और लोगो को पारदर्शिता के साथ लाभ पहुंचाने का काम करता है । जिसका उदाहरण कबीर मठ मगहर है जहां निरीक्षण के क्रम मे मुख्यमंत्री जी के दौरे मे स्थानीय मीडिया को खबर संकलन जैसे निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रभावित करते हुए अधिकार से वंचित कर दिया गया ।
बताते चले कि देश के चार प्रमुख स्तंभो मे से एक स्तम्भ पत्रकारिता है जिसका मूल उद्देश्य देश की अखंडता भाईचारे समानता राष्ट्रहित नैतिक अधिकारो सहित उन तमाम तथ्यो पर पैनी निगाह होती है जिससे राष्ट्र का राष्ट्रवासियो का राष्ट्र के विकास के साथ कोई खिलवाड़ न कर सके , तथा कब क्या हो रहा है क्यो हो रहा है उसका परिणाम क्या होगा बतौर निष्पक्ष पत्रकारिता तले निगाह रखना होता है । जिसके लिए इन्हे जान पर भी खेलना पड़ जाता है । देखा जाय तो सेना की तरह देश के अंदर रहकर देश का सेवा किया जाता है ।
वही अगर मीडिया के अधिकार क्षेत्र की बात की जाय तो अनु० 19 ( 1 )(क) मे " जानने का अधिकार " भी है शामिल है इसमे सरकार के संचालन से संबंधित सूचनाये जानने का अधिकार भी आता है केवल आपावादिक मामले मे जब देश की सुरक्षा अथवा लोकहित मे आवश्यक हो तभी उनका प्रकटीकरण नही किया जा सकता है । लोकतांत्रिक सरकार एक खुली सरकार होती है जिसके विषय मे जानने का अधिकार होता है। लोकहित के महत्त्व की बातो का प्रकाशन करने का समाचार पत्रो को पूर्ण अधिकार है ।
ऐसे मे अधिकार सहित यह सवाल उठना लाजिमी है कि शासन द्वारा संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओ के प्रचार प्रसार मे पत्रकारिता का भरपूर इस्तेमाल करने वाला प्रशासन किस अधिकार के तहत वी वी आई पी जैसे कार्यक्रम की जानकारी होने न पाये मद्देनजर रोक लगाते हुए पहुंचे हुए पत्रकारो को रोका गया ? आखिर क्यों, कौन है इसका जिम्मेदार समाज में चल रहे कुछ तथाकथित पत्रकार या जिला प्रशासन को तथाकथित विभागाध्यक्ष या उनको संचालन करने वाले अधिकारी,।