बेहाल है जिले का "डायट", न कोर्स न पढ़ाई १५ प्रवक्ताओं की फौज कर रही मौज

बेहाल है जिले का "डायट"

  • न कोर्स न पढ़ाई १५ प्रवक्ताओं की फौज कर रही मौज
  • इक्का दुक्का प्रशिक्षण कराकर बैठ कर ले रहे वेतनScreenshot_2022-08-05-16-17-20-32_a23b203fd3aafc6dcb84e438dda678b6.jpg

संतकबीरनगर। प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक अध्यापकों को जरुरी प्रशिक्षण और प्रस्तावित बीटीसी कोर्स पढ़ाने के लिए १७ साल पहले बने "डायट" का जिले में गजब हाल है। १७ साल बीतने के बाद भी अब तक यहां पर बीटीसी कोर्स की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है जबकि जिले के सरकारी कोटे में १०० सीटें हैं जिनको बस्ती डायट से संचालित किया जा रहा है। इक्का-दुक्का प्रशिक्षण को छोड़कर इस महत्वपूर्ण संस्थान में तैनात १५ प्रवक्ताओं की सेना आराम ही फरमाती है जबकि जिले के तमाम उच्चीकृत हाईस्कूलों में अध्यापकों की बेहद कमी है।

सनद रहे कि संतकबीरनगर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की स्थापना २००५ में संस्थान का भवन बन जाने के साथ हुई थी। तब यहां पर शिक्षा मित्रों के कई बैचों का प्रशिक्षण भी हुआ। लेकिन बात जब शासकीय मान्यता की आई तो नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) की जांच टीम ने यहां निरीक्षण किया और बहुउद्देशीय सभागार न बने होने के कारण इसे मान्यता देने की संस्तुति करने से इंकार कर दिया। इसी के बाद डायट का हाल बेहाल हो गया।
डायट संतकबीरनगर को मान्यता न मिलने से जिले के राजकीय बीटीसी प्रशिक्षण की योजना भी स्थगित हो गई। अब फिलहाल इक्का-दुक्का प्रशिक्षण कराकर न केवल इस संस्थान को जिंदा रखा गया है वरन १७ प्रवक्ताओं के सापेक्ष १५ प्रवक्ताओं की फौज को भारी भरकम वेतन देकर उन्हें आराम फरमाने का शानदार मौका लगातार दिया जा रहा है। पांच वर्ष पूर्व राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) के तत्कालीन निदेशक पुष्पा रंजन ने भवन में कमियों को दूर करने और बहुउद्देशीय हाल तत्काल बनवाने का निर्देश दिया था। सभागार बनने का काम तो शुरू करा दिया गया है लेकिन यह पूरा कब होगा यह जानकारी देने वाला कोई नहीं है। बहुउद्देशीय हाल न होने से यहां बीटीसी की स्वीकृत १०० सीटों का चयन और प्रशिक्षण बस्ती डायट से कराया जा रहा है। चूंकि इस बेहद महत्वपूर्ण प्रशिक्षण संस्थान पर कोई पूर्णकालिक प्राचार्य तैनात नहीं है इसलिए इसका प्रभार यहां तैनात वरिष्ठ प्रवक्ता वीरेंद्र त्रिपाठी को सौंपा गया है।
... आखिर कब मिलेगी डायट संतकबीरनगर को मान्यता
बेसिक शिक्षा विभाग में यह सवाल कि संतकबीरनगर में डायट को मान्यता कब मिलेगी, के जवाब में सन्नाटा ही गूंजता है। दबी जुबान से विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस मामले में राजनैतिक पहल शून्य है। मान्यता की सबसे बड़ी बाधा रहे बहुउद्देशीय हाल का निर्माण बेहद मंद गति से चल रहा है। जब तक बन रहा भवन पूरा नहीं होगा और मामला शासन के सामने ढंग से नहीं उठाया जाएगा तब तक न तो डायट को मान्यता मिलेगी, न बीटीसी प्रशिक्षण आरंभ होगा और न ही यहां तैनात १५ वरिष्ठ प्रवक्ताओं की योगनिद्रा ही भंग होगी।

Sort:  

Good news