चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पताल
चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पताल
17 चिकित्सकों का तबादला और मिले दो
संतकबीरनगर: योगी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार सुदृढ़ करने का दावा कर रही है जबकि हकीकत कोसों दूर है। चिकित्सकों की कमी के चलते सारे दावे जमीन पर हवा-हवाई साबित हो रहें है। आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों में धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। लिहाजा मरीजों का सही समय पर सही इलाज हो पाना मुश्किल होता जा रहा है
जिले में 17 चिकित्सकों का तबादला किया गया है और बदले में दो मिले हैं। जिले की सीएचसी और पीएचसी के लिए चिकित्सकों के कुल 103 पद सृजित हैं। इसकी तुलना में 73 चिकित्सक तैनात थे। इनमें से भी 12 का स्थानांतरण किया गया है और मिले केवल दो हैं। इस तरह दस डॉक्टर और कम हो गए। वहीं, जिला अस्पताल के लिए डॉक्टरों के 33 पद सृजित हैं। जिनमें से 27 की तैनाती थी। इनमें से पांच का स्थानांतरण किया गया है और मिला कोई नहीं है। इस तरह जिला अस्पताल में अब 22 डॉक्टर ही बचे हैं। सीएमओ डॉ इंद्रविजय विश्वकर्मा कहते हैं कि चिकित्सकों के स्थानांतरण से व्यवस्था कुछ हद तक खराब हुई है, लेकिन जो भी चिकित्सक हैं उन्हीं से काम चलाया जा रहा है। उम्मीद है कि कुछ और चिकित्सक जिले को मिलेंगे।