एससीएसटी कोर्ट ने परिवीक्षा काल तक सभी आरोपियों को सदाचारी बने रहने का दिया आदेश

in #santkabirnagar6 months ago

घर में घुसकर मारपीट के दस आरोपियों को सदाचरण कायम रखने की शर्त पर छः माह की परिवीक्षा पर छोड़ा

संत कबीर नगर । घर में घुसकर मारपीट करने के दस आरोपियों को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट जितेन्द्र सिंह द्वितीय की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए छः माह के परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया । आरोपी सीताराम सिंह , मृत्युंजय सिंह , रणंजय सिंह , विजय सिंह , नन्दलाल सिंह , नन्दलाल सिंह , प्रभु दयाल सिंह , चन्द्रपाल उर्फ मोनू , हनुमान उर्फ विजय पाल सिंह व कोईल पर जाति सूचक गाली देते हुए घर में घुसकर मारने पीटने , छप्पर व नांद तोड़ने तथा जान से मारने की देने का आरोप लगाया गया था । एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट की कोर्ट ने परिवीक्षा काल में दोषसिद्ध सभी दस आरोपियों को सदाचारी बने रहने के साथ कोई अन्य अपराध न करने का भी निर्णय दिया है । कोर्ट ने आरोपियों को गाली देने , जान से मारने एवं एससीएसटी एक्ट के आरोप से दोषमुक्त करने का भी फैसला सुनाया ।
विशेष लोक अभियोजक आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि मामला जिले के बखिरा थानाक्षेत्र के ग्राम हटवा का है । प्रकरण में रामकरन पुत्र सूर्यबली ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादी का आरोप था कि वह अनुसूचित जाति का चमार है । दिनांक 18 सितम्बर 2008 को समय दस बजे पूर्वाह्न गांव के सीताराम सिंह , विजय सिंह पुत्रगण हरिहर सिंह , मृत्युंजय , रणंजय सिंह पुत्रगण प्रहलाद सिंह , नन्दलाल गोपाल सिंह , नन्दलाल सिंह , प्रभु दयाल सिंह पुत्रगण उदयभान सिंह , चन्द्रपाल सिंह उर्फ मोनू , हनुमान सिंह पुत्रगण नन्द गोपाल सिंह ग्राम हटवा थाना बखिरा तथा कोईल उर्फ विजय शंकर पुत्र रामधारी सिंह ग्राम बौडरा थाना सहजनवां जनपद गोरखपुर जो दबंग एवं सीनाजोर किस्म के व्यक्ति हैं । एकराय व गोलबंद होकर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते , गाली देते दरवाजे पर पंहुचकर प्रार्थी के सहन में जबरदस्ती गोबर रखने लगे तथा छप्पर नांद तोड़ने फोड़ने लगे । प्रार्थी के विरोध करने पर प्रार्थी व उसके भाई श्रीराम को घर में घुसकर मकान के अंदर से खींच कर मारपीट कर घायल कर दिए । बर्तन तोड़फोड़ डाले तथा जान से मारने की धमकी दिया । पुलिस ने अभियोग पंजीकृत करके विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि अभियोजन ने मामले में चार गवाह प्रस्तुत किया । एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट जितेन्द्र सिंह द्वितीय की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने पर आरोपियों को घर में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ करने के मामले में दोषसिद्ध करार दिया । कोर्ट ने आरोपितों को छः माह की अवधि के लिए सदाचरण कायम रखते हुए 20 - 20 हजार रुपए के व्यक्तिगत बन्ध पत्र एवं समान धनराशि के एक - एक प्रतिभू पर सशर्त परिवीक्षा पर छोड़े जाने का फैसला सुनाया ।

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