पौली का सभाजीत आज आचार्य सत्येंद्र दास के रूप में कर रहे श्रीराम की सेवा
संतकबीरनगर
जिले के पौली ब्लॉक के खेवसिया गांव का रहनेवाला एक युवक सभाजीत 14 साल ती उम्र में पढ़ाई के लिए अयोध्या गया था।
वहां उसका मन हनुमानलला की सेवा में लग गया। इसके बाद वह गुरु अभिराज दास की शरण में आ गया। उनकी देखरेख में उसने शिक्षा ली। गुरु ने उनका नाम रख दिया सत्येंद्र दास। यही सत्येंद्र आज श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी हैं, जो वर्षों से रामलला की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
आचार्य और डॉक्टरेट की शिक्षा लेने के बाद सत्येंद्र दास ने कुछ समय तक अध्यापन कार्य भी किया। उस दौरान श्रीराम मंदिर आंदोलन चरम पर था। मंदिर में वह पूजा-पाठ किया करते थे। वर्ष 1991-92 में फैजाबाद के तत्कालीन मंडलायुक्त जो श्रीराम जन्म भूमि के मुख्य रिसीवर थे। कोर्ट के आदेश पर आचार्य सत्येंद्र दास को मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त कर दिया गया। उसी समय कार सेवकों ने ढांचे को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद से भगवान श्रीराम की 16 प्रकार की विधियों से पूजा-अर्चना इनके मार्गदर्शन में होने लगी। तबसे लगातार वह श्रीराम जन्म भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। भगवान की सेवा में लगे सत्येंद्र दास ने शादी नहीं की। सत्येंद्र दास के भतीजे सुशील पांडेय गांव पर रहते हैं। उनका परिवार अयोध्या में रहता है।
सुशील पांडेय ने बताया कि बड़े पिता हमेशा परिवार का हाल-चाल लेते हैं। उनका भी अयोध्या आना-जाना रहता है। अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र वासियों के लिए बड़े हर्ष और गर्व का अवसर है कि प्राण प्रतिष्ठा के समय जब गर्भ गृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। उस दौरान उनके साथ आचार्य सत्येंद्र दास महाराज को भी प्रभु की सेवा का अवसर प्राप्त होगा। ग्रामीणों में भी हर्ष है कि गांव का एक व्यक्ति आज पूरे विश्व में चर्चित हो गया है।
जय श्री राम
Jai shriram,🙏🙏🙏