भ्रष्टाचार में लिप्त है प्रधान, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

— "इंटरलॉकिंग पूर्ण होने के बाद कैसे समीक्षा करेंगे अधिकारी"

— "स्टीमेट बनाकर गांव ही भूल गए टी ए"IMG-20220527-WA0002.jpg

आकाआसं सन्त कबीर नगर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गांव की सूरत सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है इसके लिए पार्टी के विधायक व मंत्रियों को 100 दिन का टारगेट भी दे रखा है बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में कराए जा रहे विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है मानकों को ताक पर रखकर ग्राम प्रधान द्वारा इंटरलॉकिंग बिछाने का कार्य कराया जा रहा है जिसमें गुणवत्ता न होने पर कुछ ही समय में सड़क उखड़ कर गड्ढे में तब्दील होने का अंदेशा है जनपद के मेहदावल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सभा बेलौली में ग्राम प्रधान उमेश यादव के द्वारा नवनिर्मित इंटरलॉकिंग कार्य में अनियमितता तब देखने को मिला जब पत्रकार ग्रुप का समूह उस गांव में पहुंचा तो गांव के कुछ लोगों ने इंटरलॉकिंग में मानक विहीन कार्य की शिकायत की जब इसको देखा गया तो बिना ईट की गिट्टी व बालू डाले ही इंटरलॉकिंग कार्य कराया जा रहा था जो केवल मिट्टी पर ही सीमेंटेड ईट को बिछाया जा रहा था जब ग्राम प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया इस संबंध में ब्लॉक पर टी ए आशुतोष शर्मा से पूछा गया कि इंटरलॉकिंग लगाने का मानक क्या है तो उन्होंने बताया कि गिट्टी 6 सेंटीमीटर और बालू 3 सेंटीमीटर होना चाहिए लेकिन जब उनसे कहा गया कि यहां तो केवल मिट्टी डालकर सीमेंटेड ईट लगाए जा रहे हैं तो वह भौचक्का हो गए और कहे कि यह मानक विरुद्ध है इस पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन कुछ विभागीय लोगों का कहना है कि यदि गिट्टी नहीं डाला गया है तो उसका पेमेंट नहीं होगा तो क्या गिट्टी के पेमेंट न होने से इंटरलॉकिंग मजबूत हो जाएगा गिट्टी बचाने के चक्कर में कितने लाखों का नुकसान सरकार का हो रहा है यह जिम्मेदारों को नजर नहीं आ रहा है ये तो वही बात हो गई "गई मांगने पूत, खो आई भतार" मतलब किसी लाभ की कोशिश में उससे भी बड़ा नुकसान उठाना अब तो अधिकारी ही बता पाएंगे कि इस तरह से कार्य कराए जाने पर कितने दिनो तक इंटरलॉकिंग चलेगा