अवैध निर्माण करके नगर पालिका खुद ही फस गई, निर्माणाधीन दुकान गिराने का अनुरोध

संत कबीर नगर- खलीलाबाद शहर में PWD IMG-20220505-WA0042.jpgके जमीन पर लगभग 40 दुकान का निर्माण पूरी तरह से कर लिया गया है और तीन दुकानों पर छत लगी हुई है। अधिशासी अभियंता संत कबीर नगर के द्वारा नगर पालिका को अवैध निर्माण को तत्काल गिराने का अनुरोध किया गया है । सूत्र बताते हैं कि निर्माणाधीन दुकान पूरी पीडब्ल्यूडी के जमीन पर बनवाया गया है। सनद रहे कि इस जमीन पर पहले भी नाले के निर्माण कार्य हुआ वह भी भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया था इसी भूमि पर दूसरी सरकार के कार्यकाल में करोड़ों रुपए की लागत से नाले का निर्माण कराया गया था इस कारण से कि कभी रेलवे ने अपनी जमीन को घेरा तो शहर के पानी की निकासी का उपयोग इस नाले से किया जाएगा । लेकिन निर्माण कार्य घटिया होने के कारण आज तक इस नाले को मुख्य नाले से नहीं जोड़ा जा सका उसका कारण नाले के ढाल को माना जाता है। जो गलत तरीके से बनाया गया था। और वह नाला बिना पानी के क्षतिग्रस्त होने की कगार पर पहुंच गया है। उसी नाले की आड़ में नगर पालिका खलीलाबाद ने आनन-फानन में 43 दुकानों का निर्माण करा दिया ।जो लोग वहां अतिक्रमण कर रखे थे। उनसे नगर पालिका ने दुकान का सौदा कर लिया और मिस्त्री व मजदूर की फौज लगाकर निर्माण कार्य को गति प्रदान कर दी गई । जब जनपद मुख्यालय पर दिशा की मीटिंग हुई जिसमें सांसद समेत सभी विधायक अधिकारी गण मौजूद थे। उसी मीटिंग मे खलीलाबाद के विधायक अंकुर तिवारी ने इस मामले को उठाया । उन्होंने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी से सवाल किया कि आपने दुकान और डिवाइडर बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी से एनओसी लिया उस पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका ने कहा की एनओसी की प्रक्रिया जारी है। सदर विधायक ने कहां की अगर आपने NOC नहीं लिया तो निर्माण कार्य कैसे करा रहे हैं। उन्होंने निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया उसके बाद भी नगर पालिका के द्वारा कार्य जारी रहा इसी क्रम मे नक्शा विभाग से पूछा गया कि क्या आपके विभाग के द्वारा इन दुकानों का नक्शा पास है तो उन्होंने इंकार कर दिया उन्होंने कहा हमारे यहां से कोई नक्शा पास नहीं है । निर्माण के समय से विवादों में रही यह दुकानो की सुनवाई के लिए कुछ लोग हाई कोर्ट तो कुछ लोग जनपद के अदालतों में गुहार लगाई है जो विचाराधीन है। सवाल ये उठता है कि ना पीडब्ल्यूडी से एनओसी ली गई ना नक्शा विभाग से दुकान का नक्शा पास कराया गया तो नगरपालिका को इतना जल्दी क्या पड़ी थी कि इतनी बड़ी रकम को इस कार्य के लिए दांव पर लगा दिया गया कहीं आने वाले नगर पालिका चुनाव का संकेत तो नहीं? सूत्र तो बताते हैं कि लोगों ने निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही नगर पालिका से संपर्क कर अपनी गोटीयाँ बैठा लिए थे।
इस अवैध निर्माण में आगे क्या होगा यह तो भविष्य तय करेगा कहीं लोगों पर बुलडोजर चलाने वाली नगर पालिका खुद ही बुलडोजर का शिकार ना हो जाए!