तिरंगा यात्रा अभियान के पीछे उठाया गया निजी प्रचार का लाभ !

तिरंगा यात्रा मे निजी संस्थानो का नाम क्या आवश्यक ?

Screenshot_2022_0820_102427.jpgसन्त कबीर नगर = आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के 76 वे स्वतंत्रता दिवस को जन जागरूकता के क्रम मे सप्ताह कार्यक्रम के रूप मे मनाया गया । राष्ट्र प्रेम के साथ स्वतंत्रता के स्वाभिमान एवं जन जागरूकता के क्रम मे निजी संस्थानो , समाजसेवियो के द्वारा भी तिरंगा यात्राओ का सिलसिला लगातार चलाया जाता रहा । जिधर निगाह दौड़ाओ उधर तिरंगा ही तिरंगा नजर आता रहा । घर से लेकर छोटे बड़े वाहनो पर तिरंगा सजते रहा । लेकिन जैसा कि अवसर का लाभ उठाना समझदारी समझा जाता है ऐसा भी लाभ उठाने का भरसक कदम उठते देखा गया । अभियान के शुभ अवसर का लाभ उठाते हुए कुछ निजी संस्थानो द्वारा स्वयं का प्रचार किया गया । हालांकि अभियान मकसद की प्राथमिकता मे ऐसा नही होना चाहिए बट जब एकता भाईचारे को नफरती सूली पर चढ़ाने से परहेज नही हो रहा तब अभियान के पीछे निजी लाभ उठाने की प्रक्रिया मे कौन सी बड़ी बात हो सकती है । हालांकि पूर्व के वर्षो मे देखा जाय तो तिरंगा के सिवाय कुछ नजर नही आता था जो कही तिरंगे के अलावा हाथो मे तख्तिया होती थी उस पर सिर्फ देशभक्ति के सुप्रसिद्ध नारे लिखे होते थे ।