समाजसेवी शमीम अख्तर के प्रयास से बखिरा झील हुआ पानी से लबालब!
वरथियम संवाददाता - संतकबीरनगर
जिले में बरसात न के बराबर, किसान त्रस्त, ऐतिहासिक बखिरा झील भी प्रभावित!!
इस वर्ष 2022 में जिले में बरसात न के बराबर हुई है। बरसात न होने से जिले के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। खरीफ की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है। बरसात न होने का असर ऐतिहासिक बखिरा झील पर भी पड़ रहा है। बखिरा झील सूखने के कगार पर आ गई है। जिससे झील के जलीय जीव जन्तुओं के जीवन पर खतरा मड़राने लगा है। इतना ही नहीं झील के सूख जाने पर साइबेरिया से आने वाले पक्षियों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इससे झील के अस्तित्व पर भी खतरा होने की सम्भावना बलवती हो गई। झील के अस्तित्व पर आने वाले सम्भावित खतरे को भांपकर बखिरा नगर पंचायत के लेडुआ महुआ के पूर्व प्रधान एवं समाजसेवी शमीम अख्तर अंसारी व्याकुल हो उठे।
शमीम अख्तर ने झील के अस्तित्व को बचाने का उपाय ढ़ूढ़ने में मशगूल थे। इसी बीच उन्हें नहर विभाग का ध्यान आ गया। शमीम अख्तर ने बखिरा नगर पंचायत के झुंगिया के निषाद समुदाय के प्रतिनिधिमंडल को अपने साथ लिया और गोरखपुर जनपद के डुमरी निवास से घघसरा जाने वाले नहर पर पंहुच गए। नहर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता किया। बखिरा झील के आसन्न खतरे के विषय में अवगत कराया। शमीम अख्तर अंसारी का प्रयास रंग लाया और अधिकारी नहर से झील में पानी छोड़ने के लिए राजी हो गए। नहर से झील में पानी आते ही क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। शमीम अख्तर अंसारी के इस प्रयास की क्षेत्र में काफी सराहना हो रही है। प्रतिनिधिमंडल में मक्खन साहनी, भरथरी साहनी, बखिरा साहनी, दुर्बल, पन्नेलाल, बटोही साहनी, प्रहलाद साहनी, संतराम साहनी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।
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