कस्तूरबा विद्यालय की व्यवस्था को सुधारने का संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश,

in #sant2 years ago

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प्रभारी मंत्री रवीन्द्र जायसवाल व खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चन्द्र शर्मा जनपद के दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को स्कूल, कस्तूरबा विद्यालय के साथ ही कई परियोजनाओं का निरीक्षण किया। लापरवाही पर नाराजगी प्रकट करते हुए संबंधित अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए। कस्तूरबा विद्यालय की व्यवस्था से खास संतुष्ट नहीं रहे। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिया कि कस्तूरबा विद्यालयों की व्यवस्था में तत्काल सुधार कराएं। छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही बेहतर भोजन और रहने की व्यवस्था मिलनी चाहिए।

प्रभारी मंत्री ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय खलीलाबाद, पेयजल परियोजना चकमदारुल्लाह उर्फ मलोरना, गोआश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय डीएम दिव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक सोनम कुमार, मुख्य विकास अधिकारी अतुल कुमार मिश्र मौजूद रहे। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं से पठन-पाठन, बिजली, खान-पान आदि के विषय में जानकारी प्राप्त की। शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं के साथ स्वयं छात्र बन कर शिक्षिका से इतिहास विषय की शिक्षा ग्रहण की। उपस्थित बच्चों को इतिहास के विषय में जानकारी साझा की। इस दौरान सफाई ठीक करने और भवन के अन्दर की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उच्च प्राथमिक विद्यालय खलीलाबाद का निरीक्षण किया। यहां पर सारी व्यवस्था ठीक मिली। जल निगम द्वारा पेयजल योजना के अन्तर्गत ग्राम पंचायत चकमदारुल्लाह उर्फ मलोरना विकास खण्ड बघौली में बनवाई गयी पानी टंकी का निरीक्षण किया। उपस्थित ग्रामीण एवं ग्राम प्रधान नागेन्द्र सिंह से पानी टंकी द्वारा हर घर नल के माध्यम से कितने घरों में पानी पहुंच रहा है इसकी जानकारी ली। सभी ने बताया कि 95 प्रतिशत घरों में हर घर नल के माध्यम से पानी पहुंच रहा है।
आधे घंटे पहले भूसा भिगोंने के बाद डालें पशुओं को चारा

मड़या स्थित कान्हा गोआश्रय स्थल का निरीक्षण किया। गोमाताओं के रहने, भूसा, चारा, पानी सहित अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं आदि के बारे में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों से पूछताछ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गोआश्रय स्थल में विधि विधान के साथ गोमाता की पूजा अर्चना की, गोमाता का माल्यार्पण कर एवं चन्दन टीका लगाकर आरती की गई। प्रभारी मंत्री ने गोवंशो के गोबर एवं मूत्र से जैविक खाद बनाने एवं इसका प्रयोग करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पशुओं को चारा डालने से पहले भूसें को आधा घंटा कम से कम भीगो दिया जाए।

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