सहस्त्रधारा पंचमठा शिव मंदिर आस्था का केन्द्र

in #sahastradhara2 years ago

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  • शिवालयों में भक्तों का लग रहा तांता

मंडला. सावन माह के अवसर पर जगह-जगह धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। आज सवान माह का चौथे सोमवार मनाया जाएगा। इस अवसर पर भक्त शिवालयों में पहुंचकर भागवान भोलेनाथ की आराधना करेंगे। मां नर्मदा के किनारे बसे जिले में शिवालयों की कमी नहीं है जहां भक्तों का तांता लगा रहता है। कई प्राचीन शिवालय अपने आप में खास हैं। जहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अद्भुत शांति मिलती है। इन्हीं में से एक पंचमठा शिव मंदिर है। यह मंदिर सहस्त्रधारा स्थल पर स्थित है। चारों ओर पत्थरों के बीच इस मंदिर का निर्माण किया गया है। जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर सहस्त्रधारा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर प्रकृति के सौंदर्यता का आनंद उठाते हैं। पर्यटन के उद्देश्य से भी यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। बताते हैं कि नर्मदा नदी का जलपान करने के लिए भगवान शिव स्वयं लिंग के आकार में यहां विराजमान हो गए थे। यहां नर्मदा सहस्र धाराओं में विभाजित होकर एक विशाल कुंड में गिरती है। जिस कुंड में यह प्रवेश करती है वहां विशालकाय गोल चट्टान है। इसी स्थान पर उत्तरमुखी शिव मंदिर देखने मिलता है। जहां गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है। यहां जिलहरी भी उत्तरमुखी ही है। अंदर 11 रुद्रों के अलग-अलग आसन है।

पौराणिक मान्यता है कि माहिष्मति का राजा सहस्रबाहु इसी विशाल कुंड में अपनी पत्नियों के साथ जलक्रीड़ा कर रहा था। उसी समय लंकाधिपति रावण वहां पहुंच गया और दोनों का भयंकर युद्ध भी हुआ था। मां नर्मदा की सहस्त्र धाराओं के बीच दो शिव मंदिर स्थित हैं, जो गोंड-राजाओं द्वारा निर्मित माने जाते हैं, इसमें से एक मंदिर मां नर्मदा के बीचों-बीच टापू पर स्थित है, इस मंदिर तक जाने के लिए पुल बना है, जबकि दूसरा पंचमठा मंदिर नर्मदा की धारा से कुछ दुरी पर स्थित है जिसमें पांच गुम्बद हैं। दोनों मंदिरों के शिखर गुम्बदाकार हैं। दोनों के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित हैं। पंचमठा मंदिर में श्रद्धालु सावन माह में पूजा करने पहुंचते हैं। यहां पूजारी मंदिर की देखरेख करते हैं। सावन के साथ ही अन्य विशेष मुर्हूत में शिव जी की पूजा के लिए भक्त पंचमठा मंदिर पहुंचते हैं।