*गैस रिफिलिंग का अवैध धंधा जोरों पर क़भी भी होसकता है बड़ा हादसा

in #saharanpur2 years ago

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अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहा है अवैध कारोबार

सहारनपुर के नागल कस्बे में
अधिकारियों की सरपरस्ती में चल रहे अवैध गैस रिफिलिंग के कारोबार के चलते कस्बा नागल बारूद के ढेर पर बैठा है। जिम्मेदार अधिकारियों ने सरसावा के गोविंदपुर में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद 5 लोगों की मौत से भी कोई सबक नहीं लिया है। संभवत शासन-प्रशासन नागल में भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।
करीब एक दशक पूर्व तक नागल में चंद लोग ही गैस रिफिलिंग का कार्य करते थे जो छोटे रसोई गैस सिलेंडरों में भरकर उन्हें बेचने का धंधा कर रहे थे। मगर जब से गैस चालित थ्री व्हीलर (ऑटो) बाजार में आए हैं तब से यह धंधा अत्यधिक चल निकला है। अकेले कस्बा नागल में ही वर्तमान में करीब एक दर्जन लोग गैस रिफिलिंग का धंधा कर रहे हैं। बताते चलें कि एक थ्री व्हीलर की गैस टंकी 10 किलो की होती है जबकि रसोई सिलेंडर में 15 किलो गैस आती है। जिसके चलते गैस रिफिलिंग करने वाले 1 सिलेंडर में 7 से 8 किलो गैस ही भरते हैं जिस कारण एक सिलेंडर से दो ऑटो में गैस भरने का कार्य पूरा हो जाता है। नागल क्षेत्र में नागल सहारनपुर वाया टपरी पर करीब 100 ऑटो संचालित हैं। नागल गागलहेड़ी मार्ग पर करीब 40 आटो, नागल तल्हेडी मार्ग पर करीब 25 ऑटो तल्हेड़ी मार्ग पर संचालित हैं। इसके अलावा ताजपुर, पांडोली, ताशीपुर, चंदेना, चहरोली, जोला आदि मार्गों पर भी करीब 40 आटो संचालित हैं। यानि की करीब नागल केंद्र से करीब 200 ऑटो रोजाना अलग अलग जगह की अपनी दूरी तय करते हैं। जिससे प्रतिदिन करीब 100 गैस सिलेंडर की खपत होती है। इन अवैध रिफलिंग करने वालों ने एजेंसी मालिकों से अपनी सेटिंग कर रखी है जिसके चलते वह अपनी गाड़ियां इनकी दुकानों पर ही खाली करते हैं। गुरूवार सुबह क्षेत्र के सप्लाई इंस्पेक्टर हृदेश कुमार ने जीटी रोड स्थित एक दुकान पर सिलेंडट्रों से भरी गाड़ी उतार रहे लोगों को पकड़ लिया। मगर मौके पर भीड इकट्ठा होती देख उक्त अधिकारी इस गाड़ी को गेहूँ गोदाम पर ले गए। उसके बाद वहां से एजेंसी ले गए। जहां मामले को रफा-दफा कर दिया गया। पत्रकारों ने जब उक्त अधिकारी से इस बाबत जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। क्षेत्र में चर्चा है कि बड़ी सेटिंग कर इस मामले को दबाया गया है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।
व्यापारी अरुण कुमार, विपिन चौधरी, दीपक गुप्ता, जयपाल सिंह, अजय अग्रवाल आदि का कहना है कि घनी आबादी में अवैध रूप से की जा रही गैस रिफिलिंग कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है। उधर पूर्ति निरीक्षक हृदेश कुमार का कहना है कि एक दुकान पर गैस सिलेंडर उतार रही गाड़ी की जांच की जा रही है।