किन्नर खड़ा दफनाते हैं शव!:मुर्दे को सुनाते हैं जुल्मों की आपबीती, गुरु को मानते हैं पति

in #sad2 years ago

मर्दाना शरीर और जनानी चाल। मेकअप से लिपे-पुते चेहरे। भारी भरकम ज्वेलरी। ताली पीटते। ढोलक की थाप पर थिरकते। सड़क पर कार के शीशे ठक-ठक करते। शादी ब्याह और नन्ही जान के आगमन पर बधाई गाते। आशीर्वाद देते लोग, जिन्हें किन्नर नाम से जाना जाता है। आखिर कौन हैं ये लोग? कहां से आते हैं? क्यों उनका जन्म एक कहानी और अंतिम विदाई एक पहेली है? प्राइड मंथ में पढ़िए, किन्नरों की जिंदगी, रीति-रिवाज, शादी, रिश्ते और अंतिम विदाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और किन्नर समुदाय पर करीब ढाई दशक से शोध कर रहे महेंद्र भीष्म बताते हैं कि हमारे समाज का ताना-बाना मर्द और औरत से मिलकर बना है, लेकिन एक तीसरा जेंडर भी इसी समाज का हिस्सा है, जिसे सभ्य समाज हिकारत भरी नजरों से देखता है। किन्नर भी आम बच्चों की तरह ही इस दुनिया में आते हैं, लेकिन बीतते वक्त के साथ शारीरिक बदलाव उन्हें हम सब से अलग बनाते हैं।AE50C360-FDF3-4348-BFDD-55F6C317B047.webp