क्या भारतीयों के निकलने के लिए रूस ने खारकीएव में कुछ घंटे के लिए हमले रोके थे?
Indianews:
यूक्रेन के विभिन्न शहरों में अस्थाई युद्ध विराम की कोशिशें जारी हैं, ताकि वहां फंसे नागरिकों को बहार निकाला जा सके. क्या भारतीयों को भी इन प्रयासों से फ़ायदा होगा?
सोमवार को रूस ने कहा है कि वह कीएव, खारकीएव, मारियुपोल और सूमी जैसे कई शहरों में मानवीय गलियारे खोलेगा. लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है
सूमी भारत के निकासी प्रयासों के लिए एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, शुक्रवार तक सूमी में क़रीब 700 भारतीय छात्र फ़ंसे हुए थे. यह देखना अभी बाक़ी है कि प्रस्तावित युद्धविराम से सूमी में भारतीयों को लाभ होगा या नहीं.
सप्ताह के आख़िर तक, मारियुपोल शहर से नागरिकों को निकालने के लिए युद्ध विराम के दो प्रयास विफल हो चुके हैं.
निकासी के प्रयास सफल न होने के लिए, रूस और यूक्रेन दोनों पक्षों ने एक दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया है.
मारियुपोल के अधिकारियों ने रूस पर लगातार बमबारी करने और "युद्ध विराम पर अमल न करने" का आरोप लगाया है. जवाब में, रूस ने भी यूक्रेन के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को बाहर जाने से रोका है.
भारत रूस और यूक्रेन दोनों पर भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने के अस्थाई युद्ध विराम के लिए दबाव बना रहा है. यूएनजीए में भी भारत के प्रतिनिधि ने ये मांग उठाई गई है.
गज़ा में और सीरिया गृहयुद्ध के दौरान अतीत में भी संघर्षरत क्षेत्रों में विशेष रूप से नागरिकों को निकालने या मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए, मानवीय गलियारों का इस्तेमाल किया गया है.
रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की यात्रा के दौरान कहा कि यूक्रेन में भारत के निकासी प्रयासों का श्रेय भारत के "बढ़ते प्रभाव" को जाता है.
फ़ेक न्यूज़ और राजनीतिक बयानबाजी
यूक्रेन में भारत का निकासी प्रयास जारी हैं, इस दौरान कुछ फ़ेक न्यूज़ और राजनीतिक बयानबाज़ी भी सामने आई है विशेष रूप से खारकीएव शहर की स्थिति के बारे में.
पिछले हफ्ते, बहुत सी फ़ेक न्यूज़ रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुई, जिनमे दावा किया गया कि भारत के अनुरोध पर रूस ने खारकीएव में 6-8 घंटे के लिए युद्ध रोक दिया है, ताकि भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला जा सके".