रूस 'महान सामुद्रिक शक्ति' बनना चाहता है: पुतिन
रूस के नौसेना दिवस के मौक़े पर सेंट पीटर्सबर्ग में एक समारोह में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस 'महान सामुद्रिक शक्ति' बनना चाहता है जो अमेरिकी प्रभुत्व का मुकाबला करे.
उन्होंने कहा कि नेटो के प्रसार के साथ-साथ समुद्र में "प्रभाव बढ़ाने की अमेरिका की कोशिश" रूस के लिए बड़ा खतरा हैं.
उन्होंने कहा कि रूस की आज़ादी और संप्रभुता पर हमला करने वालों के मुकाबले के लिए जल्द ही ज़िरकॉन हाइपरसॉनिक मिसाइलें सेना में शामिल की जाएंगी जो ध्वनि की गति से हमला करने में सक्षम हैं.
उन्होंने कहा, "रूस के नए मैरीटाइम डॉक्टरीन को मंजूरी दे दी गई है. हमने आर्थिक और सामरिक तौर पर अपनी सीमाओं और राष्ट्रीय हित के इलाक़ों को पूरी तरह चिन्हित किया है. सबसे पहले ये कि आर्कटिक सागर, ब्लैक सी, ओकहोत्स्क, बेरिंग और बाल्टिक सागर और साउथ कुरिल की खाड़ी हमारे हैं, और हर हर हाल में हर सूरत में उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. यहां हमारी नौसेना की ताकत महत्वपूर्ण है.जो हमारी आज़ादी और संप्रभुता का उल्लंघन करने वालों को उत्तर देने में काबिल है."
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